Uttarakhand News, 04 Nov 2023: पश्चिमी नेपाल में भीषण भूकंप से अब तक 128 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। भूकंप से कई घर ध्वस्त हो गए हैं। नेपाली अधिकारियों ने पुष्टि की है कि रुकुम पश्चिम में 35 से ज्यादा लोगों की मौत हो हुई है, जबकि जाजरकोट जिले में 90 से अधिक लोगों की जान गई है। भूकंप के बाद से रेस्क्यू फोर्स बचाव अभियान में जुटी है।

बता दें, शुक्रवार रात करीब 11.30 बजे नेपाल के पश्चिमी इलाके में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई है। वहीं, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के लिए रवाना हुए हैं। साथ ही, भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि पर दुख व्यक्त किया है।

40 सेकंड तक लगे झटके:
नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप मापन केंद्र के अधिकारियों के अनुसार, रात 11.47 बजे भूकंप आया, जिसका केंद्र जाजरकोट में जमीन के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप का असर भारत और चीन में भी महसूस किया गया। भारत में भी करीब 40 सेकंड तक झटके महसूस किए गए।

काठमांडू में सड़कों पर डरे सहमे दिखे लोग:
वहीं, नेपाल की राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया। जाजरकोट काठमांडू से लगभग 500 किलोमीटर पश्चिम में है। भूकंप का झटका महसूस होते ही काठमांडू में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। इस दौरान लोग सड़कों पर डरे सहमे दिखे।

प्रधानमंत्री प्रचंड ने जान-माल के नुकसान पर दुख जताया:
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने भूकंप के कारण जान-माल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया है। नेपाल के पीएमओ ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने शुक्रवार रात 11.47 बजे जाजरकोट के रामीडांडा में आए भूकंप से हुई मानवीय और घरों की क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया है। घायलों के तत्काल बचाव और राहत के लिए सभी तीन सुरक्षा एजेंसियों को लगाया गया है।

वहीं, उन्होंने देश के भूकंप प्रभावित इलाकों का दौरा करने का फैसला लिया है। वो रवाना हो गए हैं।

भारतीय पीएम ने भी जताया दुख:
भारत के पीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्वीट कर कहा, ‘भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’

इन अस्पतालों में घायलों को रखा जाएगा:
नेपाल के एक अधिकारी ने बताया कि भेरी अस्पताल, कोहलपुर मेडिकल अस्पताल, नेपालगंज के सेना अस्पताल और पुलिस अस्पताल को भूंकप से प्रभावितों लोगों के लिए समर्पित कर दिया गया है। इसके अलावा, हेली ऑपरेटरों को तैयार रहने को कहा है। साथ ही साथ घायलों को प्रभावित क्षेत्रों से लाने की सुविधा के लिए नियमित उड़ान आवाजाही निलंबित कर दी गई है। नेपालगंज हवाई अड्डे और सैन्य बैरक हेलीपैड पर एक एंबुलेंस तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।

2015 में आया था 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप:
बता दें, हिमालयी देश नेपाल में भूकंप आना आम बात है। वर्ष 2015 में 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने पूरे देश का हिलाकर रख दिया था, जिसमें 12,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और हजारों घर ध्वस्त हो गए थे।