Uttaranchal News, 28 January 2023: हल्द्वानी: हिन्दू धर्म में कैलाश मानसरोवर यात्रा को काफी पवित्र माना जाता है. सनातन धर्म से जुड़े लोग अपने जीवन में एक बार इस पवित्र शिव धाम में अवश्य जाना चाहते हैं. लेकिन कैलाश मानसरोवर यात्रा कोरोना महामारी के कारण 2020 से बंद है. इस कारण कुमाऊं मंडल विकास निगम को भी काफी घाटा हुआ है.
कोरोना महामारी के कारण तीन साल से बंद पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा के इस बार भी शुरू होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. कुमाऊं मंडल विकास निगम प्रबंधन भी स्वीकार कर रहा है कि इस बार भी यात्रा मुश्किल है. विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित कैलाश मानसरोवर यात्रा कोरोना महामारी के कारण 2020 से बंद है. ऐसे में इस साल भी यात्रा की कोई संभावना नहीं है. बताया जा रहा है कि चीन में फैले कोरोना के चलते यात्रा इस बार भी नहीं कराई जाएगी.
केएमवीएन को यात्रा ना होने से खासा नुकसान: गौर हो कि कुमाऊं मंडल विकास निगम प्रबंधन भी अब स्वीकार कर चुका है कि इस बार भी यात्रा मुश्किल है. ऐसे में KMVN को सालाना करीब चार करोड़ का नुकसान हो रहा है. वहीं कैलाश मानसरोवर यात्रा से जुड़े पर्यटन कारोबारी भी अपनी आजीविका को लेकर चिंतित है. उत्तराखंड में कैलाश मानसरोवर यात्रा को कराने वाली सरकारी नोडल एजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के प्रबंधक एपी बाजपेयी ने बताया कि हर वर्ष यात्रा के लिए दिसंबर व जनवरी माह में रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाते हैं.
अभी तक यात्रा को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं: लेकिन इस बार अभी तक रजिस्ट्रेशन को लेकर किसी तरह की कोई निर्देश नहीं है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार भी यात्रा स्थगित रहेगी. जनवरी तक कैलाश मानसरोवर यात्रा की बुकिंग लगभग पूरी हो जाती थी. यात्रा के आयोजन के लिए केएमवीएन दिसंबर में विज्ञप्ति जारी करता था. इस बार अभी तक विज्ञप्ति जारी नहीं की गई है. एपी बाजपेयी के अनुसार अभी तक विदेश मंत्रालय से यात्रा को लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं. यात्रा को लेकर दिसंबर में दिल्ली में होने वाली बैठक भी नहीं हुई है.
आदि कैलाश यात्रा की तैयारी तेज: मानसरोवर यात्रा में हर साल 18 दल जाते रहे हैं. हर दल में न्यूनतम 25 और अधिकतम 60 यात्री होते हैं. एक यात्रा सीजन में 800 से अधिक यात्री जाते थे. इससे केएमवीएन को चार करोड़ से अधिक की आय होती रही है. कैलाश मानसरोवर यात्रा से पर्यटन कारोबार से जुड़े सैकड़ों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलता है. कैलाश मानसरोवर यात्रा हर साल मई माह में शुरू होकर अक्टूबर माह तक चलती थी. गौरतलब है कि चीन सीमा पर 17 हजार फीट की ऊंचाई पर लिपुलेख दर्रे को पार कर हर साल पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा संचालित होती रही है. साल 2020 में कोरोना महामारी के कारण मानसरोवर यात्रा स्थगित कर दी गई थी. तब से यह यात्रा अब तक शुरू नहीं हो पाई है. एपी बाजपेयी ने बताया कि फिलहाल निगम द्वारा आदि कैलाश यात्रा की तैयारी चल रही है और लोग आदि कैलाश की यात्रा कर सकेंगे.