Uttarakhand News, 27 March 2023: उत्तराखंड के सभी जिलों में कोविशील्ड और कॉर्बेवैक्स वैक्सीन खत्म हो गई हैं। सिर्फ कोवैक्सिन की कुछेक डोज उपलब्ध है। देहरादून में कोवैक्सिन की एक भी डोज नहीं है। जिला स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 12 से 14 वर्ष के बच्चों को लगाई जाने वाली कॉर्बेवैक्स वैक्सीन अक्टूबर से नहीं आ रही है। कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है लेकिन संक्रमण से बचाव के लिए जिले के सरकारी अस्पतालों में सभी वैक्सीन खत्म हो गई हैं। कोवैक्सिन, कोविशील्ड और कॉर्बेवैक्स वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों को दिल्ली तक जाना पड़ रहा है, क्योंकि आसपास के राज्यों में भी वैक्सीन नहीं हैं। वैक्सीन जिन्हें लगाई चुकी है, वे बूस्टर डोज नहीं पा रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड के सभी जिलों में कोविशील्ड और कॉर्बेवैक्स वैक्सीन खत्म हो गई हैं। सिर्फ कोवैक्सिन की कुछेक डोज उपलब्ध है। देहरादून में कोवैक्सिन की एक भी डोज नहीं है। जिला स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 12 से 14 वर्ष के बच्चों को लगाई जाने वाली कॉर्बेवैक्स वैक्सीन अक्टूबर से नहीं आ रही है।

बूस्टर डोज 25 फीसदी ही लगी: स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में कोविड टीकाकरण की पहली और दूसरी डोज 100 फीसदी से अधिक लग चुकी है, लेकिन बूस्टर डोज अभी 25 फीसदी ही लगी है। ऐसे में बूस्टर डोज लगवाने वाले परेशान हो रहे हैं। निजी अस्पतालों में एक वैक्सीन के लिए करीब 350 रुपये खर्च करना पड़ रहा है।