Uttarakhand News, 27 March 2023: 15 साल से पुराने वाहनों को सड़क से हटाने के लिए सरकार ने जो स्क्रैप पॉलिसी बनाई, उसको उत्तराखंड ने हां कर दी है। इस पॉलिसी के तहत ही फिटनेस सेंटर बनाने का काम भी शुरू हो गया है। खास बात यह है कि स्क्रैप पॉलिसी के तहत केंद्र सरकार के सिंगल विंडो सिस्टम की तर्ज पर यहां भी एक ही जगह से पूरा समाधान मिलेगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में देश के अलग-अलग राज्यों में मंत्रालय की योजनाओं की स्थिति स्पष्ट की गई है। इसी क्रम में, राज्य में वाहन स्क्रैप पॉलिसी को सिंगल विंडो सिस्टम के तहत लागू करने की जानकारी भी दी गई है।
केंद्र सरकार ने पुराने वाहनों की स्क्रैप पॉलिसी के लिए नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम (एनएसडब्ल्यूएस) की शुरुआत की थी। देश के 11 राज्यों ने भागीदारी की है, जिसमें उत्तराखंड भी शामिल है। यहां भी आने वाले समय में निजी सहभागिता से फिटनेस सेंटर बनेंगे और सिंगल विंडो के तहत वाहनों के स्क्रैप में देने की प्रक्रिया पूरी होगी।
रामनगर में बसपोर्ट
केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में बस पोर्ट बनाने की योजना शुरू की थी। इसके तहत नैनीताल के रामनगर का चुनाव किया गया था। रामनगर में बसपोर्ट बनाने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति होने के बाद बजट भी जारी हो चुका है। करीब 27 करोड़ रुपये से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बसपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है।
प्रदेश में एम-वाहन से वाहनों की फिटनेस जांच
देश के 12 राज्यों के आरटीओ दफ्तरों के माध्यम से एम-वाहन मोबाइल एप से फिटनेस जांच कराई जा रही है। इनमें उत्तराखंड का नाम भी शामिल है। आवेदन करने के बाद जो भी मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) आएगा, वह एम-वाहन के माध्यम से वाहन की जियो लोकेशन और टाइम भरेगा। इसके बाद वाहन के ब्रेक, वाइपर, सीट बेल्ट, फ्रंट लाइट, रियर लाइट आदि की जांच के बाद तस्वीरें एम-वाहन पर अपलोड करनी होंगी। इसी आधार पर फिटनेस जांच हो जाएगी।
महिला और बच्चों की सुरक्षा के लिए वीएलटी
केंद्र सरकार ने महिलाओं और बच्चों के सार्वजनिक यातायात वाहनों में सुरक्षित सफर के लिए व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटी) और इमरजेंसी बटन लगाने का प्रावधान किया था। इसका इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए केंद्र बजट भी दे रहा है। उत्तराखंड सहित देश के 30 राज्यों ने इसके लिए आवेदन किया था। सभी राज्यों को केंद्र ने पहली किस्त जारी कर दी है। खास बात ये है कि इसके निर्माण कार्यों की केंद्र सरकार खुद निगरानी कर रही है।
एक साल में राज्य को नेशनल परमिट से 42 करोड़ मिले
नेशनल परमिट बनाने के लिए जमा होने वाली फीस का एक हिस्सा राज्यों को भी मिलता है। पिछले साल उत्तराखंड के हिस्से में नेशनल परमिट से 42 करोड़ नौ लाख 69 हजार 600 रुपये आए हैं।