Uttarakhand News, 19 April 2023: चीन को पछाड़कर भारत अब दुनिया का सबसे आबादी वाला देश बन गया है। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट, 2023 का अनुमान है कि चीन की 142.57 करोड़ की तुलना में भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ है। यह रिपोर्ट सामने आने के बाद चीन ने एक बार फिर भारत को नीचा दिखाने की कोशिश की है। उसने दावा किया कि उसके पास अभी भी 900 मिलियन (90 करोड़) लोगों का गुणवत्ता कार्यबल (क्वालिटी वर्कफोर्स) है, जो विकास में अहम योगदान प्रदान करता है।

जनसंख्या महत्वपूर्ण, लेकिन प्रतिभा भी…
रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, मैं आपको बताना चाहता हूं कि जनसंख्या लाभांश मात्रा (क्वानटिटी) पर नहीं बल्कि गुणवत्ता (क्वालिटी) पर भी निर्भर करता है। अमेरिका के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि जनसंख्या महत्वपूर्ण है और प्रतिभा भी। चीन की आबादी 1.4 अरब से अधिक है। कामकाजी उम्र के लोग 90 करोड़ के करीब हैं। वांग ने कहा, जैसा कि प्रधानमंत्री ली कियांग ने कहा कि हमारी जनसंख्या का लाभांश गायब नहीं हुआ है और हमारी प्रतिभा का लाभांश तेजी से बढ़ रहा है और विकास के लिए प्रोत्साहन मजबूत है।

अमेरिका तीसरे नंबर पर:
यूएनएफपीए के स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट, 2023 के जनसांख्यिकीय आंकड़ों का अनुमान है कि भारत की 25 फीसदी आबादी 0-14 वर्ष के आयु वर्ग, 18 फीसदी 10-19 आयु वर्ग, 26 फीसदी 10-24 वर्ष के आयु वर्ग, 68 फीसदी 15-64 वर्ष आयु वर्ग और 7 फीसदी 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की 142.57 करोड़ की तुलना में भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो अमेरिका 34 करोड़ की आबादी के साथ तीसरे नंबर पर है।

165 करोड़ जा सकती है आबादी:
यूएनएफपीए की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 25 प्रतिशत जनसंख्या 0-14 वर्ष के आयु वर्ग की है। वहीं 18 प्रतिशत 10 से 19 आयु वर्ग, 26 प्रतिशत 10 से 24 आयु वर्ग, 68 प्रतिशत 15 से 64 वर्ष आयु वर्ग में और 65 वर्ष से ऊपर 7 प्रतिशत है। वहीं, विभिन्न एजेंसियों के अनुमानों ने सुझाव दिया है कि भारत की जनसंख्या लगभग तीन दशकों तक बढ़ती रहने की उम्मीद है। इससे आबादी 165 करोड़ हो सकती है।

जनसंख्या में बदलाव:
जनसंख्या विशेषज्ञों ने संयुक्त राष्ट्र के पिछले आंकड़ों का उपयोग करते हुए अनुमान लगाया था कि भारत इस महीने चीन को पीछे छोड़ देगा। कहा गया था कि अभी यह नहीं पता है कि इस बदलाव में कितना समय लगेगा। लेकिन बुधवार दोपहर तक संयुक्त राष्ट्र ने एक और रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि भारत सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। हालंकि भारत की जनगणना साल 2011 में हुई थी।

छह दशकों में पहली बार चीन की आबादी में कमी:
गौरतलब है, पिछले साल छह दशकों में पहली बार चीन की आबादी में गिरावट आई थी। इसके बाद चीन की आबादी में कमी ही देखी जा रही है। कहा जा रहा है कि इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 2011 के बाद से औसतन 1.2 फीसदी रही है, जबकि पिछले 10 वर्षों में यह 1.7 फीसदी थी।