Uttarakhand News, 03 July 2023: हल्द्वानी: मानसून सीजन में दूषित पेयजल कई बीमारियों का कारण बनता है. हल्द्वानी के शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र, सभी लोग जल संस्थान के ऊपर निर्भर हैं. जल संस्थान द्वारा घरों में पेयजल सप्लाई किया जा रहा है. वहीं कई बार शुद्ध पेयजल को लेकर सवाल भी खड़े होते हैं. ऐसे में जिलाधिकारी नैनीताल ने जल संस्थान को पानी की गुणवत्ता को लेकर लोगों को बताने के निर्देश दिए हैं. जिससे लोगों को विश्वास हो सके कि जो पानी वो पी रहे हैं वह शुद्ध है.

जिलाधिकारी वंदना सिंह का कहना है कि लोगों की शिकायत और बरसात में पीने के पानी से जनित रोग ना फैले, इसको देखते हुए जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि पेयजल सप्लाई टैंक की सफाई और पानी की गुणवत्ता को आम आदमी को बताई जाए. उन्होंने कहा कि पेयजल सप्लाई टैंक के ऊपर जल संस्थान अब टैंक की सफाई की तिथि और पाने की जांच रिपोर्ट को टैंक के ऊपर बड़े अक्षरों में पेंटिंग से अंकित करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि हर दूसरे, तीसरे महीने में टैंक की सफाई और उसके पानी की जांच लैब से कराएं. जिससे पानी की शुद्धता को मापा जा सके.

डीएम ने कहा कि पेयजल गुणवत्ता को लेकर कई बार शिकायत मिल रही थी. इसको देखते हुए अधिकारियों को बैठक में निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की लापरवाही सामने आती है तो अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. गौरतलब है कि हल्द्वानी तहसील अंतर्गत करीब 5 लाख की आबादी है, जो शहर के पेयजल सप्लाई व्यवस्था पर निर्भर है. जहां पेयजल की सप्लाई गौला नदी और वाटर टैंक के माध्यम से की जाती है. इसके अलावा नैनीताल जिले के सभी ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी वाटर टैंक या ट्यूबवेल पर निर्भर हैं. पेयजल की गुणवत्ता को लेकर कई बार सवाल खड़े हो चुके हैं. ऐसे में जिलाधिकारी के सख्त निर्देश के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सकेगा.