Shardiya Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि का नौ दिवसीय पवित्र पर्व सोमवार (आज) को घटस्थापना के साथ ही शुरू हो जाएगा। माता के भक्त नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की विशेष पूजा अर्चना करेंगे। इस दिन लोग माता की चौकी, अखंड ज्योति व देवी प्रतिमा भी स्थापित करते हैं
उधर, नवरात्र को लेकर शहर भर के मंदिरों में विशेष तैयारियां की गई हैं। कई संगठनों की ओर से जहां धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। वहीं, हर रोज मंदिर में सुबह-शाम विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। रविवार को नवरात्र की पूजन सामग्री के लिए शहर के मुख्य बाजारों से लेकर छोटे बाजरों में रौनक देखने को मिली।
शक्ति आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र पर देवी दुर्गा की पूजा और साधना की जाती है। इसके अलावा देवी के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। हिंदू धर्म में देवी दुर्गा जो माता पार्वती का ही स्वरूप हैं, उन्हें महाशक्ति के रूप में पूजा जाता है। ज्योतिषाचार्य आचार्य डॉ. सुशांत राज ने बताया कि नवरात्र में घट स्थापना का विशेष महत्व होता है। इस साल 26 सितंबर को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, सालभर में कुल चार नवरात्र आते हैं। दो गुप्त नवरात्र, एक चैत्र नवरात्र और एक शारदीय नवरात्रि। सभी नवरात्र में शारदीय और चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व होता है। नवरात्र के दिनों में देवी दुर्गा हिमालय से पृथ्वी लोक में आती हैं और अपने भक्तों के घरों में नौ दिनों के लिए विराजमान होती हैं।
नवरात्र के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। मां दुर्गा के भक्त इन नौ दिनों में उपवास रखते हुए मां शक्ति की साधना करते हैं। आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से शुरू होने वाले शारदीय नवरात्र के नौ दिनों तक माता की विशेष पूजा करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। आचार्य शिवप्रसाद ममगाईं और राजपुर रोड स्थित सांई मंदिर के पंडित विनोद झा ने बताया कि देवी भागवत के श्लोक शशि सूर्य गजारुढ़ा के अनुसार माता का आगमन हाथी पर होगा, जो सुखदायी होता है। ऐसे में माता हमें अन्न धन से भरने का आशीर्वाद देती हैं। शारदीय नवरात्र इस वर्ष पूरे नौ दिनों के होंगे।
सनातन धर्म मंदिर प्रेमनगर में 26 सिंतबर से शुरू हो रहे नवरात्र के दौरान विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर हुई मंदिर कमेटी की बैठक में मीडिया प्रभारी रवि भाटिया ने बताया कि नवरात्र के दौरान मंदिर को विशेष तौर पर सजाया जाएगा। दुर्गा सप्तसती का पाठ होगा जो पूर नौ दिन चलेगा। पहले दिन मंदिर के प्रधान सुभाष माकिन, अवतार किशन कौल, पंडित राजू उपाध्याय, पंडित कृष्ण प्रसाद देवी मां को विशेष भोग अर्पित करेंगे।