Uttarakhand News 12 April 2024: Lok Sabha Election 2024 सभी वाहनों में मतदान से दो दिन पहले तक जीपीएस लगाने की कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी। लोकसभा चुनाव में मतदान के दिन इस्तेमाल होने वाले 10019 वाहन जीपीएस की निगरानी में रहेंगे। पोलिंग पार्टियों के लिए 9190 वाहनों की व्यवस्था की जा रही है। जिलों में जितने भी मतदान केंद्र हैं वहां बेड व बिस्तर की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन के माध्यम से की जाए।
Lok Sabha Election 2024: प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मतदान के दिन इस्तेमाल होने वाले 10019 वाहन जीपीएस की निगरानी में रहेंगे। इसके लिए सभी वाहनों पर जीपीएस लगाया जा रहा है। अब तक 2600 वाहनों में जीपीएस लगाया जा चुका है।
सभी वाहनों में मतदान से दो दिन पहले तक जीपीएस लगाने की कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी। गुरुवार को अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने सचिवालय स्थिति मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि निर्वाचन के लिए परिवहन विभाग द्वारा वाहनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। अब तक जिलों की आवश्कता के अनुसार 13250 वाहनों का अधिग्रहण किया जा चुका है। इनमें से जोनल मजिस्ट्रेट, सेक्टर मजिस्ट्रेट, फ्लाइंग स्क्वाड और एसएसटी के लिए 3860 वाहनों की व्यवस्था की जा चुकी है।
पोलिंग पार्टियों के लिए 9190 वाहनों की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन ड्यूटी में जो वाहन चालक व परिचालक मतदान के दिन तैनात रहेंगे, उन्हें डाक मतपत्र के जरिये मतदान की सुविधा दी जा रही है। अब तक 8675 इसके लिए आवेदन फार्म दे चुके हैं।
उन्होंने बताया कि मतदान के दिन इस्तेमाल होने वाले वाहनों में जीपीएस ट्रेकिंग की व्यवस्था की जा रही है। इन पर नजर रखने के लिए जिला व राज्य स्तर पर नोडल अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। वाहनों में जीपीएस लगा होने से पोलिंग पार्टियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी। वहीं यदि कोई वाहन निर्धारित रूट से अन्यत्र का प्रयोग करता है तो उसकी जानकारी भी मिल सकेगी।
जिला स्तर से की जाएगी बिस्तर की व्यवस्था
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में जाने वाली मतदान पार्टियों को स्वयं अपने बिस्तर व अन्य सामग्री की व्यवस्था करनी पड़ती है। इससे उन्हें काफी असुविधा होती है।
इसे देखते हुए पहली बार यह प्रयास किया जा रहा है कि जिलों में जितने भी मतदान केंद्र हैं वहां बेड व बिस्तर की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन के माध्यम से की जाए।
कहा गया है कि यह व्यवस्था पंचायतों के माध्यम से, स्वयं समूहों से या स्थानीय स्तर से भी कर सकते हैं। इसके लिए सभी जिलों को आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई गई है।