Uttarakhand News 06 September 2024: हल्द्वानी। छात्राओं की सुरक्षा के लिए लागू की गई दारोगा दीदी योजना ठंडे बस्ते में चली गई है। एक वर्ष पहले कुमाऊं के तत्कालीन आइजी डा. नीलेश आनंद भरणे ने इस योजना की शुरुआत हल्द्वानी से की थी और इसे पूरे कुमाऊं मंडल में लागू किया जाना था।

स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा के लिए दारोगा दीदी तैनाती की गई थी। इसके तहत एक दारोगा को एक-एक स्कूल का जिम्मा सौंपा गया था। दारोगा दीदी का काम समय-समय पर स्कूलों में जाकर छात्राओं को जागरूक करना व उनसे संवाद कर उनकी समस्याओं को सुनना था।

छात्राओं से मिले फीड बैक के अनुसार कार्रवाई करना था। कुछ समय यह योजना काफी चर्चा में रही, मगर अब यह ठंडे बस्ते में चली गई है। न दारोगा दीदी दिख रही हैं और न बहनें सुरक्षित हैं। राज्य में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के अलावा स्कूली बच्चों के साथ छेड़छाड़ के प्रतिदिन दो से तीन मामले दर्ज हो रहे हैं।

दारोगा दीदी योजना दोबारा शुरू होगी
पुलिस प्रवक्ता डा. नीलेश आनंद भरणे का कहना है कि दारोगा दीदी योजना मिसाल बनती, लेकिन अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। दारोगा दीदी योजना को दोबारा शुरू किया जाएगा। इसकी शुरुआत अब पूरे राज्य में करने का प्रयास रहेगा। प्रत्येक महिला दारोगा को दीदी बनाकर स्कूलों में भेजा जाएगा, ताकि वह बहनों की तरह हर बच्ची का ख्याल रखें और उनकी पीढ़ा को सुनें।

कुमाऊं में इस तरह बढ़ी घटनाएं

केस-1

31 अगस्त को नैनीताल रोड स्थित एक स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा 10वीं की छात्रा से शिक्षक ने छेड़छाड़ की थी। छात्रा को वाट्सएप पर अश्लील मैसेज भी भेजे। इस मामले में पुलिस ने शिक्षक नीरज रुबाली के विरुद्ध पाक्सो एक्ट में प्राथमिकी की है।

केस-2

तीन सितंबर को सितारगंज के एक स्कूल में चार साल की मासूम से दुष्कर्म का प्रयास किया गया। इस घटना में आरोपित छह, 10 व 11 साल के छात्र थे। पुलिस ने तीनों आरोपितों पर पाक्सो एक्ट में प्राथमिकी की है।

केस-3

रुद्रपुर के मलसी गांव के मदरसे में मौलवी शब्बीर रजा मोलवी ने मासूम बच्चियों को पोर्न वीडियो दिखाकर गलत हरकते कीं। लंबे समय तक वह बच्चियों का शारीरिक व मानसिक शोषण करता रहा। पुलिस ने उसके विरुद्ध प्राथमिकी कर गिरफ्तार कर लिया है।