Uttarakhand News 11 September 2024: हल्द्वानी में डेंगू ने दस्तक दे दी है। गौलापार निवासी एक मरीज का कार्ड टेस्ट और एलाइजा रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। एक अन्य रोगी का कार्ड टेस्ट पॉजीटिव आया है। हालांकि मरीज की एलाइजा रिपोर्ट आनी बाकी है। वहीं, सुशीला तिवारी अस्पताल में डेंगू के छह संदिग्ध मरीज भर्ती हैं।
बेस अस्पताल में 19 वर्षीय और 25 वर्षीय दो मरीज भर्ती हैं। अस्पताल के पीएमएस डॉ. केके पांडे ने बताया कि दूसरे मरीज का एलाइला जांच के लिए दिया है। दोनों की हालत स्थिर है। हफ्तेभर पहले डेंगू के दो मरीज मिले थे, हालांकि उनका एलाइजा निगेटिव मिला था। निजी अस्पताल में भर्ती दोनों मरीजों को स्वस्थ होने के बाद घर भेज दिया था।
बेस और महिला अस्पताल में आज ओपीडी बंद रहेगी
नंदाष्टमी के चलते बुधवार को सुशीला तिवारी अस्पताल में आधे दिन की ओपीडी रहेगी। बेस और महिला अस्पताल में ओपीडी नहीं होगी। बेस अस्पताल के पीएमएस डॉ. केके पांडे ने बताया कि इमरजेंसी सेवाएं सुचारु रहेंगी।
2019 में मिले थे तीन हजार से अधिक डेंगू मरीज
जिले में पिछले पांच वर्षों में साल 2019 में तीन हजार से अधिक डेंगू मरीज मिले। इस बार स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से निपटने के लिए फॉगिंग समेत लोगों को जागरूक करने के लिए वालंटियर को तैनात किया है। अब तक हल्द्वानी डेंगू के प्रकोप से मुक्त रहा। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मनोज कांडपाल के अनुसार डेंगू से बचाव के लिए सभी जरूरी एहतियात बरते जा रहे हैं।
वर्ष जिले में मिले डेंगू मरीज
2024 1
2023 830
2022 236
2021 30
2020 4
2019 3129
डेंगे से बचाव के उपाय-
मच्छरों के काटने से बचने के लिए सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
पेंट के अलावा लंबी आस्तीन वाली शर्ट पहनें
मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए घर के आस-पास गंदगी या जलजमाव न होने दें।
गमलों, कूलर के पानी या खाली बर्तनों में पानी को जमा होने से रोकें।
डेंगू पर विशेषज्ञ की सलाह
बरसात से शुरू होने वाले डेंगू का प्रकोप दिसंबर तक रहता है। एसटीएच में मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. परमजीत सिंह के अनुसार डेंगू मच्छर के काटने के बाद पांच से सात दिन तक बुखार रहता है। इस दौरान शरीर, आंख, सिर में दर्द रहता है और उल्टी भी हो सकती है। शरीर में लाल रंग के दाने निकल सकते हैं। प्लेटलेट कम होने पर उल्टी में खून और सांस लेने में दिक्कत आती है। अमूमन चार से पांच दिन बुखार रहने के बाद दोबारा बुखार आ सकता है। इस दौरान साधारण पैरासिटामॉल खानी चाहिए। प्लेटलेट्स कम होने पर मरीज को घबराना नहीं चाहिए लेकिन तीसरे से छठे दिन विशेष सतर्कता बरतनी जरूरी है। कहा कि डेंगू होने पर प्रत्येक मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती है। प्लेटलेट्स 10 हजार से नीचे जाने या मुंह से खून आने पर ही चढ़ाई जाती हैं।