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Almora Accident: खचाखच भरी थी बस, चालक नहीं काट पाया स्टीयरिंग, मरचूला हादसे की कहानी…घायल रमेश की जुबानी

Uttarakhand News 06 Nov 2024: मैं पौड़ी गढ़वाल के किनाथ से बस में सवार हुआ। धीरे-धीरे बस में सवारियां बढ़ती गईं। सभी हंसी-खुशी बस में सवार हुए। कोई दीपावली मनाकर शहर लौट रहा था तो कोई गांव से पूजा-पाठ कर आ रहा था। मरचूला आने से पहले बस में इतने यात्री हो गए कि सब एक-दूसरे पर चढ़े जा रहे थे। हाथ-पैर हिलाना भी मुश्किल हो गया। हादसे के वक्त बस खचाखच भरी हुई थी।

चालक बस सही से चला रहा था, मगर भीड़ के कारण उसका हाथ भी बार-बार टकरा रहा था। मरचूला के तीव्र मोड़ पर पहुंचने पर सवारियां बस में एक तरफ झुक गईं, तब चालक स्टीयरिंग नहीं घुमा पाया। इससे बस आगे बढ़ते हुए खाई की तरफ बढ़ गई और एक तेज आवाज हुई। बस एक-दो बार पलटी, तभी मेरी आंखें बंद हो गईं। होश आया तो खुद को अस्पताल में पाया।

यह पूरा वाकया बताया सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती घायल रमेश ने। उन्होंने बताया कि खेती-बाड़ी कर वह अपने परिवार की गुजर-बसर करते हैं। बोले- अब न जाने कब तक अस्पताल में रहना पड़ेगा।

ऋषिकेश एम्स जाना चाहते हैं विशाल
घायल विशाल भारद्वाज ने बताया कि उनका भाई ऋषिकेश एम्स में कार्यरत है, इसलिए वह आगे का इलाज वहीं कराना चाहते हैं। हालांकि वह यहां अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं से वह संतुष्ट हैं। घायल वैष्णवी रावत के भाई प्रदीप रावत ने बताया कि बहन की गर्दन में ज्यादा दिक्कत है, इसलिए ऋषिकेश रेफर किया जा रहा है।

बताया कि हादसे के बाद एसटीएच पहुंचने पर व्यवस्थाएं दुरुस्त मिलीं। घायलों के परिजनों ने बताया कि एसटीएच मैं चाय-पानी और भोजन की भी निशुल्क व्यवस्था की गई है। प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी मरीजों के स्वास्थ्य से संबंधित अपडेट लेते नजर आए। सोमवार को घायलों के पहुंचने के बाद से वह बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों को निर्देश दे रहे हैं।