Uttaranchal News, 17 november 2022: Haldwani Nagar Nigam मेयर ने हल्द्वानी विधायक को संबोधित पत्र में लिखा है कि नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 6 (ग) (निगम की संचरना) के अंतर्गत नगर निगम क्षेत्र के सांसद या विधायक के नगर निगम में पदेन सदस्य होने का प्रविधान है।

राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी व शहर के दो प्रमुख जनप्रतिनिधि मेयर डा. जोगेंद्र सिंह रौतेला व विधायक सुमित हृदयेश एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं। विधायक ने नगर निगम बोर्ड बैठकों में शामिल होने के लिए तौफीक अहमद को अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया था। मेयर ने इसे विधि विरुद्ध बताकर नामित प्रतिनिधि को बोर्ड बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं दिए जाने का जवाबी पत्र भेजा है।

मेयर ने बताया ये प्रविधान:

मेयर ने हल्द्वानी विधायक को संबोधित पत्र में लिखा है कि नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 6 (ग) (निगम की संचरना) के अंतर्गत नगर निगम क्षेत्र से पूर्णत: या भागत: आच्छादित लोकसभा व विधानसभा के माननीय सदस्य के पदेन सदस्य होने का प्रविधान है। उक्त प्रविधान के तहत आपके नामित प्रतिनिधि को विधि विरुद्ध होने के कारण बोर्ड बैठक में प्रतिभाग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। सुलभ संदर्भ के लिए प्रविधान की प्रति भी विधायक को भेजी गई है। विधायक को संबोधित पत्र की प्रति प्रमुख सचिव शहरी विकास के सूचनार्थ व नगर आयुक्त को आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजी है।

पूर्व में शामिल हुए प्रतिनिधि:

नगर निगम बोर्ड बैठक में पूर्व में प्रतिनिधि शामिल होते रहे हैं। विशेषकर डा. इंदिरा हृदयेश के प्रतिनिधि के रूप में जीवन सिंह कार्की बोर्ड बैठक में शामिल होने के साथ जनहित से जुड़े विषयों को उठाते रहे हैं। हालांकि सत्तापक्ष के विधायकों की भागीदारी बोर्ड में नहीं रही है।

सुमित हृदयेश, (विधायक हल्द्वानी) ने कहा-
सभी बोर्ड बैठकों में शामिल होना मेरे लिए संभव नहीं होता। इसी मंशा से प्रतिनिधि नियुक्त किया था। इसमें नियमावली की अड़चन बताई गई है। ठीक है, भविष्य में जरूरी हुआ तो मैं स्वयं बोर्ड बैठक में शामिल रहूंगा।

-डा. जोगेंद्र रौतेला, मेयर हल्द्वानी ने कहा-
माननीय विधायक नगर निगम बोर्ड के पदेन सदस्य होते हैं। उनका स्वागत है। विधायक जी आएं और शहर के विकास के लिए अपनी सक्रिय व सकारात्मक सहभागिता निभाएं। नामित प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हो सकता।