Uttarakhand News 22 Nov 2024: Joshimath Sinking: भूधंसाव से प्रभावित जोशीमठ में आपदा प्रभावित अब ग्रीन और यलो श्रेणी के आवासीय भवनों की मरम्मत करा सकते हैं। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने इसकी अनुमति प्रदान करते हुए आदेश जारी कर दिए हैं।
अनुमति इस शर्त के साथ दी गई है कि भवन में किसी प्रकार का नवनिर्माण नहीं होगा। भवन स्वामी को मरम्मत कराने से पहले प्रशासन को इस आशय का शपथ पत्र भी देना होगा। पुनर्वास के लिए मुआवजा नहीं मिलने से अधिकांश आपदा प्रभावित अब भी क्षतिग्रस्त भवनों में रात-दिन गुजार रहे हैं।
जनवरी 2023 में शुरू हुआ था भूधंसाव
चीन सीमा से सटे चमोली जनपद के जोशीमठ नगर में जनवरी 2023 में भूधंसाव शुरू हुआ था। इससे भवन, भूमि, सड़क आदि पर दरारें आनी शुरू हो गई थीं। इसे देखते हुए प्रशासन ने विशेषज्ञों की सलाह पर नगर में सभी प्रकार के निर्माण और मरम्मत कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया था। नगर पर मंडरा रहे खतरे का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों के दल से भवनों का सर्वे भी कराया गया।
विशेषज्ञों ने खतरे के अनुरूप उच्च जोखिम वाले भवनों को रेड, कम जोखिम वाले भवनों को ब्लैक, आंशिक जोखिम वाले भवनों को यलो और सुरक्षित भवनों को ग्रीन श्रेणी में बांटा था। रेड श्रेणी में 482, ब्लैक में 34, यलो में 442 और ग्रीन में 280 भवन रखे गए हैं।
नगर के भूधंसाव से प्रभावित हिस्से का उपचार किया जाना है, लेकिन यह कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाया। जबकि, भवनों में दरारें आने का सिलसिला जारी है और उनके क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए इसी 25 सितंबर को आपदा प्रभावितों व मूल निवासी स्वाभिमान संगठन जोशीमठ ने तहसील प्रशासन से मरम्मत की अनुमति देने की मांग की थी। इसका संज्ञान लेते हुए गुरुवार को जिलाधिकारी ने ग्रीन और यलो श्रेणी के आवासीय भवनों की मरम्मत कराने की अनुमति प्रदान कर दी।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि कई भवनों में खिड़की, दरवाजे, छत आदि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं। शीत ऋतु में ठंड से बचाव हेतु जनहित में इनकी मरम्मत के लिए अनुमति प्रदान की गई है।
217 परिवारों को ही मिल पाया मुआवजा
जोशीमठ में 1,238 भवनों में रह रहे आपदा प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाना है, लेकिन अब तक तहसील प्रशासन 217 परिवारों को ही पुनर्वास के लिए मुआवजा दे पाया है। ऐसे में अन्य परिवार क्षतिग्रस्त भवनों में ही रहने के लिए मजबूर हैं। तहसील प्रशासन का कहना है कि अधिकांश परिवारों को तकनीकी कारणों से धनराशि वितरित नहीं की जा सकी है.