Uttarakhand News 04 Jan 2025: प्रशासनिक लापरवाही का जरा नमूना देखिए। शहर की सबसे व्यस्त सड़क रामपुर रोड पर नगर निगम लंबे समय से स्ट्रीट लाइट तक नहीं लगवा पा रहा है। इतना ही नहीं इस मार्ग पर मानकों को दरकिनार करके डिवाइडर के बीच में कट छोड़े जा रहे हैं, जो हादसे का सबब बन रहे हैं। बृहस्पतिवार को रात नौ बजे से एक बजे के बीच इस रोड पर तीन हादसे हुए। गनीमत रही कि दुर्घटनाओं में किसी की जान नहीं गई।
पहले रुद्रपुर से शहर की ओर आ रही एक कार रात नौ बजे देवलचौड़ पर डिवाइडर से टकराई। ठीक 10 मिनट बाद उसी दिशा से आ रही एक और कार डिवाइडर से टकरा गई। हालांकि किसी सवारी को चोट नहीं आई। इसके बाद रामपुर से सब्जी लेकर मंडी आ रहा एक ट्रक रात एक बजे के करीब कत्था फैक्टरी के पास डिवाइडर पर चढ़ गया। भीषण टक्कर की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। हादसा इतना भयानक था कि ट्रक के पहिये तक अलग हो गए। रात का समय होने से सड़क पर उस समय आसपास कोई वाहन नहीं था वरना बड़ा हादसा हो सकता था। ये हादसे इसलिए हो रहे कि इस मार्ग पर सरकारी मशीनरी की ओर से स्ट्रीट लाइटें नहीं लगाई गई हैं, जिससे वाहन चालकों को रात के अंधेरे में डिवाइडर नजर नहीं आ रहे हैं।
न निगम और न ही जिला पंचायत ने ली सुध
रामपुर रोड पर पथ प्रकाश व्यवस्था के इंतजाम न के बराबर है। इस मार्ग का कुछ क्षेत्र नगर निगम और कुछ जिला पंचायत के अधीन है। मगर दोनों संस्थाओं में से किसी ने स्ट्रीट लाइटें लगाने का प्रयास नहीं किया। सड़क का एक किनारा जीतपुर नेगी तक का क्षेत्र निगम के वार्ड-56 देवलचौड़ मानपुर पश्चिम में आता है। यह सड़क जिला पंचायत क्षेत्र देवलचौड़ बंदोबस्ती में भी आती है। वहीं क्षेत्र के पूर्व पार्षद राजेंद्र नेगी का कहना है कि स्ट्रीट लाइटें लगाने का प्रस्ताव पूर्व में नगर निगम बोर्ड को सौंपा गया था। बिजली के पोल जहां हैं, उन पर लाइटें लग गई थीं। बृहस्पतिवार रात जहां ट्रक हादसा हुआ, वहां पोल नहीं होने से स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है।
रामपुर रोड बेहद खतरनाक सड़क
रामपुर रोड शहर की सबसे संवेदनशील सड़क है। इस मार्ग पर अक्सर हादसे पहले भी होते रहे हैं, लेकिन इसकी सुध लेने के लिए मशीनरी तैयार नहीं है। पिछले एक साल के भीतर कई लोगों की सड़क हादसे में जान जा चुकी है। 100 से अधिक लोग घायल हो चुके है।
कछुआ गति से बना रहे डिवाइडर
डिवाइडर बनाने का कार्य दो महीने पहले शुरू हुआ लेकिन सिस्टम की लेटलतीफी से अब तक पूरा नहीं हुआ है। ब्रिडकुल टीपीनगर से रुद्रपुर की ओर 1200 मीटर सड़क पर डिवाइडर बना रहा है। इतना ही हिस्सा चुने जाने का कारण यह है कि इतने हिस्से की चौड़ाई करीब 14 मीटर है, जबकि आगे 10 मीटर या उससे कम रोड चौड़ी है। कार्यदायी संस्था अब तक 900 मीटर सड़क पर ही डिवाइडर तैयार कर सकी है। वहीं 300 मीटर का हिस्सा एक महीने से अधूरा पड़ा है। कत्था फैक्टरी के पास कट बड़ा होने और सड़क के मोड़ वाले हिस्से में डिवाइडर का निर्माण पूरा न होने से हादसों का खतरा बना हुआ है। इस कारण चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बृहस्पतिवार रात इसी जगह ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
रोड सेफ्टी समिति में परिवहन, प्रशासन, कार्यदायी संस्था व पुलिस के अधिकारी शामिल हैं। समिति डिवाइडर बनाने में आड़े आ रहे पेड़ों को हटाने का प्रयास कर रही है। स्थानीय लोगों ने पेड़ काटने का विरोध किया था। समिति उनसे बातचीत कर रही है। जल्द ही समाधान निकाल काम पूरा किया जाएगा। -एपी वाजपेयी सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी
निगम के वार्ड-56 के अंतर्गत आने वाली रामपुर रोड पर स्ट्रीट न लगाने के प्रयास किए जाएंगे। ताकि लोगों को आवाजाही में परेशानी का सामना न करना पड़े। -ऋचा सिंह नगर आयुक्त हल्द्वानी
जिला पंचायत में स्ट्रीट लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है जबकि सोलर लाइट उरेडा के माध्यम से लगाई जाती हैं। जिला पंचायत सदस्य या किसी प्रधान की मांग आई तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
- बेला तोलिया, प्रशासक जिला पंचायत नैनीताल
डिवाइडर बनाने के बाद सावधान करने वाले बोर्ड तक नहीं लगाए गए हैं। शाम को डिवाइडर बना रहे हैं। ऐसे में लोग हादसे का शिकार हो – रहे हैं। यह लोनिवि व ब्रिडकुल की लापरवाही है। रेडियम लाइटें नहीं गाने से भी हादसे हो रहे हैं। -धीरज नेगी
डिवाइडरों के बीच कट काफी बड़े हैं। लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं कि डिवाइडर हैं या कट। इसी वजह से हादसे हो रहे हैं। सड़क पर लाइटें भी नहीं हैं। अफसरों को हादसे न होने देने के लिए सारे इंतजाम करना चाहिए। – रामपाल