Uttarakhand News 05 Feb 2025 Char Dham Yatra 2025: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन अगले सप्ताह से शुरू हो जाएंगे। इस बार साठ फीसदी आनलाइन और चालीस फीसदी आफलाइन रजिस्ट्रेशन होंगे। धामों में भीड़ बढ़ने पर हरिद्वार से लेकर यात्रा रूट पर अलग-अलग जगह होल्डिंग प्वाइंट बनेंगे। यात्रियों को ऐसे स्थानों पर रोका जाएगा जहां रहने, खाने की सुविधा हो।
ऋषिकेश में यात्रा ट्रांजिट कैंप में मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में यात्रा से जुड़े सात जिलों के अधिकारियों और तीर्थपुरोहितों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। पिछले साल यात्रा के दौरान हुई परेशानियों को लेकर समीक्षा के बाद इस बार व्यापक तैयारियों का दावा किया गया।
आनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया लागू होने के बाद पिछले साल धामों में दर्शन को लेकर अव्यवस्था हावी रही। धामों में क्षमता से अधिक लोग पहुंच गए। कई तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण हरिद्वार, ऋषकेश से वापस लौट गए। तय किया गया कि इस बार की यात्रा में आनलाइन और आफलाइन रजिस्ट्रेशन का अनुपात साठ-चालीस का रहेगा। आफलाइन रजिस्ट्रेशन यात्रा शुरू होने से करीब दस दिन पहले खोले जाएंगे। काउंटर पर आकर यात्री आफलाइन रजिस्ट्रेशन करा पाएंगे।आनलाइन रजिस्ट्रेशन अगले सप्ताह से शुरू होंगे। उत्तराखंड पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाना होगा। हालांकि, यह किस दिन से खोले जाएंगे अभी निश्चित तारीख तय नहीं हुई है। पिछले साल यात्रा में यातायात और भीड़ प्रबंधन चुनौती बना था। इसे देखते हुए हरिद्वार, ऋषिकेश के साथ ही अलग-अलग जगह होल्डिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे। यह ऐसे शहरों और कस्बों में होंगे जहां यात्रियों के रहने, खाने और अन्य न्यूनतम आवश्यकता उपलब्ध हो।
केंद्र में भीड़ बढ़ने का आकलन समय पर कर लिया जाए
मंडलायुक्त ने आपसी समन्वय पर जोर देते हुए कहा कि एक केंद्र में भीड़ बढ़ने का आकलन समय पर कर लिया जाए। वहां भीड़ बढ़ने पर पीछे के होल्डिंग प्वाइंट पर यात्रियों को रोका जाए। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में मंडलायुक्त ने कहा कि हित धारकों के साथ जिलाधिकारी स्तर पर बैठक हो चुकी है।सहमति के आधार पर अगले सप्ताह से आनलाइन रजिस्ट्रेशन खोल दिए जाएंगे। इससे यात्रा शुरू होने से पहले यह अंदाजा भी लग जाएगा कि कितने तीर्थयात्री इस बार धामों में आ रहे हैं। यातायात और भीड़ प्रबंधन पर फोकस के साथ यात्रियों को मूलभूत सुविधाओं पर भी काम किया जा रहा है।
पुरोहितों की सहमति के बाद हुई घोषणा
अब तक केवल बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हुई है। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन तीस अप्रैल को खुलेंगे। इन धामों में केवल कपाट खुलने का मुर्हूत निकाला जाना बाकी है।
केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 26 फ़रवरी को महाशिवरात्रि के दिन तय होगी। पिछली बार रजिस्ट्रेशन को लेकर हुई फजीहत के बाद सरकार और शासन भी सचेत रहे। मंडलायुक्त ने आनलाइन रजिस्ट्रेशन अगले सप्ताह से करवाने को लेकर तीर्थपुरोहितों की सहमति मांगी। जिसे उन्होंने स्वीकार किया।
कटापत्थर में नहीं रोके जाएंगे यात्री
यमुनोत्री रूट पर पिछले साल की यात्रा में कटापत्थर के पास यात्री वाहनों को रोका गया था। यमुनोत्री, गंगोत्री में तीर्थयात्रियों का भारी दबाव होने के कारण यहां वाहन रोके गए थे। लेकिन वहां कोई सुविधा यात्रियों को नहीं मिल पाई। इससे सबक लेते हुए इस बार कटापत्थर के बजाया विकासनगर क्षेत्र में होल्डिंग प्वाइंट बनाया जाएगा। मंडलायुक्त ने सभी जिलाधिकारियों को होल्डिंग प्वाइंट पर व्यवस्था बनाने को कहा। इसमें ऐसे यात्री जो होटल आदि का खर्च वहन कर सकते हैं और वे यात्री जो इसे नहीं कर सकते उरनके लिए स्थिति के अनुरूप व्यवस्था को कहा गया।
यहां होंगे आफलाइन रजिस्ट्रेशन
पिछली बार जब हरिद्वार और ऋषिकेश में बड़ी संख्या में यात्री पंद्रह से बीस दिन तक फंसने के बाद भी यात्रा पर नहीं जा पाए तब आफलाइन रजिस्ट्रेशन काउंटर खोले गए। इस बार पहले ही आफलाइन रजिस्ट्रेशन काउंटर भी खोले जाएंगे। हरिद्वार, ऋषिकेश, विकासनगर, बड़कोट, श्रीनगर, पांडुकेश्वर में आफलाइन रजिस्ट्रेशन काउंटर खोले जाएंगे। ऋषिकेश में अगर शुरू में ही यात्रियों के लिए रोटेशन की बस व्यवस्था गड़बड़ाती है तो आफलाइन रजिस्ट्रेशन चालीस से घटाकर बीस प्रतिशत कर दिए जाएंगे।
वीआइपी प्रोटोकाल से नहीं मिलेगी दर्शन की सुविधा
धामों में वीआइपी दर्शनों से भी अव्यवस्था फैलती है। मंडलायुक्त ने बताया कि यात्रा के शुरूआती एक माह में वीआइपी प्रोटोकाल के अनुसार किसी को भी दर्शन नहीं कराए जाएंगे। कोई वीआइपी अगर सामान्य यात्री की तरह दर्शन करना चाहता है तो वह कर सकता है। लेकिन उसे गनर, स्काट और मंदिर में प्रवेश के लिए अलग से सुविधा नहीं होगी। मुख्य सचिव की ओर से सभी राज्यों को एक माह तक वीआइपी को दर्शन के लिए न भेजने का अनुरोध पत्र भेजा जा रहा है।
यात्रा रूट पर दस-दस किमी में बनेंगे सेक्टर
आइजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने बताया कि यात्रा रूट पर दस-दस किलोमीटर क्षेत्र को अलग-अलग सेक्टर में बांटा जाएगा। इसमें पुलिस की नियमित गश्त रहेगी। वाहनों को एक कतार में चलाने, किसी वाहन के खराब होने पर उसे टो करने आदि का काम किया जाएगा। आइजी ने कहा कि यातायात का बेहतर तरीके से संचालन किया जाना प्राथमिकता है।
पंद्रह अप्रैल तक करें सड़कों का काम पूरा
सचिव लोक निर्माण विभाग पंकज पांडेय वर्चुअल बैठक में जुड़े। उन्होंने यात्रा रूट पर तैयारियों को तय समय में करने को कहा। जहां सड़क खराब है उसे समय पर ठीक कराने को कहा गया। अलग-अलग विभागों ने सड़कें ठीक करने की अलग समय सीमा बताई। विभागों को पंद्रह अप्रैल तक का समय सड़कों को ठीक करने को दिया गया है। तय समय में काम न करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
हेली से आने वालों के वीआइपी दर्शन पर सवाल
तीर्थपुरोहितों ने केदारनाथ में हेली सेवा से आने वाले यात्रियों के वीआइपी दर्शन पर सवाल उठाए। आरोप लगाया कि पांच यात्रियों की आड़ में हेली से जुड़ी कई कंपनियों के कर्मचारी बीस से पच्चीस लोगों को वीआइपी दर्शन कराते हैं। हेली से आने वालों के नाम पहले पुरोहितों को देने की मांग की। तीर्थपुरोहितों ने धामों में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के औचित्य पर भी सवाल उठाए। दर्शन के लिए टोकन की व्यवस्था पर भी नाराजगी जताई।
यह रहे मौजूद
जिलाधिकारी देहरादून सविन बसंल, एसएसपी अजय सिंह, डीएम हरिद्वार कार्मेंद्र सिंह, एसपी सिटी पंकज गैरोला, डीएम टिहरी मयूर दीक्षित, एसएसपी आयुष अग्रवाल, डीएम उत्तरकाशी मेहरबान सिंह बिष्ट, एसपी सरिता डोबाल, डीएम पौड़ी डा. आशीष चौहान, एसएसपी लोकेश्वर सिंह, डीएम रुद्रप्रयाग डा. सौरभ गहरवार, एसपी अक्षय प्रह्लाद कौंडे, डीएम चमोली डा. संदीप तिवारी, एसपी सर्वेश पंवार, नगर आयुक्त ऋषिकेश शैलेंद्र सिंह नेगी आदि