Uttarakhand News 21 Feb 2025: कैलाश मानसरोवर और आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों का सफर और भी आरामदायक होगा। इसके लिए यात्रा मार्ग पर 1600 करोड़ से छह किमी लंबी टनल बनेगी। बूंदी से गर्ब्यांग के बीच टनल बनने से कैलाश मानसरोवर और आदि कैलाश यात्रा की करीब 10 किमी दूरी कम हो जाएगी।
765 बीआरटीएफ के कमांडर कर्नल प्रशांत सिंह ने बताया कि बीआरओ के हीरक परियोजना के तहत धारचूला-कैलाश मानसरोवर और आदि कैलाश यात्रा मार्ग पर बूंदी, छियालेख और गर्ब्यांग के बीच छह किमी लंबी टनल के निर्माण के लिए डीपीआर केंद्र सरकार को भेजी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस योजना को स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
बताया कि टनल बनने से लोगों को छियालेख के 27 कठिन मोड़ पार नहीं करने होंगे। इसके अलावा बरसात में भूस्खलन से बार-बार सड़क बंद होने की समस्या भी नहीं रहेगी। टनल बनने से विश्व प्रसिद्ध दोनों धार्मिक स्थलों तक पहुंचने के लिए दूरी कम हो जाएगी। वर्तमान में धारचूला से गुंजी तक सड़क मार्ग से दूरी 72 किमी है। टनल बनेगी तो यह दूरी सिर्फ 62 किमी रह जाएगी।
204 करोड़ रुपये से होगी सड़क चौड़ी
कैलाश मानसरोवर, आदि कैलाश के साथ ही चीन सीमा को जोड़ने वाली 90 किमी लंबी तवाघाट-लिपुलेख सड़क के कटिंग का काम पूरा हो चुका है। पिछले दिनों गुंजी से ज्योलिंगकांग तक 36 किमी दायरे में सड़क का चौड़ीकरण और डामरीकरण का काम भी पूरा कर लिया गया है। जल्द ही गुंजी से कालापानी तक जल्द डामरीकरण होगा इसके लिए 204 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है। दूसरे चरण में कालापानी से नाभीढांग 26 किलोमीटर दायरे में डामरीकरण होगा।
स्टील गार्डर के सात नए पुल बनेंगे
बीआरओ के हीरक परियोजना के चीफ इंजीनियर एसपी कोलिपे (विशिष्ठ सेवा मेडल) ने बताया कि इस यात्रा मार्ग पर पुराने पुलों की जगह सात नए स्टील गार्डर के पुल बनेंगे। नए पुल बनने से श्रद्धालुओं, पर्यटकों, सेना के जवानों के साथ ही स्थानीय लोगों की आवाजाही सुरक्षित होगी। 2026 तक इन सभी पुलों का निर्माण कर लिया जाएगा।