Uttarakhand News 01 March 2025: चमोली। शुक्रवार को उत्तराखंड के माणा में ग्लेशियर टूटने से भारी हिमस्खलन हो गया था। जिससे बीआरओ के कैंप को क्षति पहुंची है। इस दौरान 55 मजदूर बर्फ में दब गए थे, जिनमें से 50 को निकाला जा चुका है। जिनमें से चार की मौत हो गई। 46 सुरक्षित हैं। वहीं पांच लापता लोगों की तलाश जारी है।
इसके अलावा गंभीर दो मजदूरों को ऋषिकेश एम्स रेफर किया जा रहा है। पीएम मोदी ने सीएम धामी से बात करके राहत और बचाव अभियान की जानकारी ली। सुरक्षित बाहर निकाले गए श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। वहीं सीएम धामी ने चार मजदूरों की मौत पर दुख जताया है।
वहीं पीआरओ डिफेंस देहरादून लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया है कि बर्फ में दबे चार मजदूरों की मौत हो गई है। पांच की तलाश जारी है। जबकि 46 मजदूर सुरक्षित हैं। सीएम धामी भी मौके पर मौजूद हैं।
एवलांच रेस्क्यू कार्य की बड़ी बातें:
माणा क्षेत्र में कल से किए जा रहे रेस्क्यू अभियान में 50 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। शेष 5 लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी।
एवलांच में घायल 4 मजदूरों की मौत हो गई है।
आज शनिवार को दूसरे दिन भी प्रशासन, सेना और एसडीआरएफ द्वारा रेस्क्यू कार्य जारी है।
वहीं शनिवार को 25 घायलों को ज्योर्तिमठ लाया गया है। जहां उनका उपचार किया जा रहा है।
सीएम धामी ने मौके पर जारी राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया और घायल श्रमिकों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले में माणा के पास हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया।
आपको बता दें कि सेना की ओर से आईबैक्स व ब्रिगेड राहत और बचाव में लगी हैं। सड़क बंद होने के कारण सेना की ओर से छह हेलीकॉप्टर से बचाव किया जा रहा है। जिसमें भारतीय थल सेना के तीन चीता हेलीकॉप्टर, एयल फोर्स के दो और एक हायर किया गया हेलीकॉप्टर है। बचाव अभियान जारी है।
सीएम धामी ने किया हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा:
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले में माणा के पास हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर मौके पर जारी राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान सुरक्षित बाहर निकाले गए श्रमिकों का कुशलक्षेम जाना।
साथ ही बचाव कार्य में जुटे सैन्य अधिकारियों एवं प्रशासनिक टीमों से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कहा कि सरकार संकट की इस घड़ी में प्रभावितों की हरसंभव सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रभावित श्रमिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रशासन, सेना और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार द्वारा भी बचाव कार्यों में पूरा सहयोग मिल रहा है। हमारी डबल इंजन सरकार हर परिस्थिति में नागरिकों के साथ मजबूती से खड़ी है।
हिमस्खलन को लेकर चेतावनी जारी
उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर हिमस्खलन को लेकर चेतावनी जारी की गई है। इसमें सबसे ज्यादा खतरा चमोली जिले को है। आपको बता दें कि शुक्रवार को उत्तराखंड के माणा में ग्लेशियर टूटने से भारी हिमस्खलन हो गया था। जिससे बीआरओ के कैंप को क्षति पहुंची है।
बताया गया था कि यहां करीब 55 मजदूरों के होने की सूचना है। हिमस्खलन से जहां कई मार्गों को बंद कर दिया गया है। वहीं कई जगहों पर क्षति भी पहुंची है। सीमांत जिले में बारिश व बर्फबारी से गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी से आगे आवाजाही ठप हो गयी है। गंगनानी से गंगोत्री के बीच हाईवे पर डबरानी में हिमस्खलन हुआ है।
रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह फिर से शुरू
फिलहाल चमोली में मौसम साफ हो गया है। बारिश और बर्फबारी थम गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह फिर से शुरू किया गया है। बद्रीनाथ धाम में मौजूद सेना व आईटीबीपी लापता मजदूरों की खोजबीन में जुटी हुई है। भारतीय सेना ने अथक प्रयासों के बाद 14 और मजदूरों को बचा लिया है। जिनमें से एक को माना हिमस्खलन स्थल से गंभीर पाया गया।
बचाए गए कर्मियों को चिकित्सा सहायता और आगे के इलाज के लिए माना आर्मी कैंप में लाया गया है। फिलहाल अभी भी बचाव कार्य जारी है। वहीं हेलीकॉप्टर सेवा भी शुरू कर दी गई है। अभी तक बर्फ में दबे 47 लोगों को निकाल लिया गया है। अभी भी 8 लोगों की तलाश की जा रही है।
बर्फ से ढके 40 से अधिक गांव
गोपेश्वर के 40 से अधिक गांव हिमाच्छादित है। औली, बदरीनाथ, जोशीमठ मलारी व गोपेश्वर चोपता हाइवे बर्फबारी के चलते बाधित है। बर्फबारी व वर्षा से ठंड भी बढ़ी है। चमोली जिले में दो दिनों से श्री बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, औली, ज्योतिर्मठ के साथ 40 से अधिक गांवों में लगातार बर्फबारी व निचले स्थानों में वर्षा जारी है।
हिमस्खलन में प्रभावित मजदूरों के नाम




चमोली पुलिस ने 28 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा में हिमस्खलन में फंसे 55 श्रमिकों के नामों की सूची जारी की है।
जिला मुख्यालय समेत सभी तहसील क्षेत्रों में रुक-रुककर लगातार बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। बर्फबारी के चलते जहां गंगोत्री हाईवे पर गत गुरुवार को सुक्की टाप से आगे सामान्य वाहनों की आवाजाही पर ब्रेक लग गया था। वहीं, शुक्रवार को हाईवे पर बर्फबारी के चलते गंगनानी से आगे आवाजाही ठप हो गयी है।
गंगनानी से डबरानी के बीच गिरे पत्थर
शुक्रवार शाम को डबरानी में पहाड़ी से हुए हिमस्खलन के साथ बोल्डर भी हाईवे पर आ गए आए हैं। गंगनानी से डबरानी के बीच पत्थर भी गिर रहे हैं। बीते गुरुवार रात से ही हर्षिल घाटी के आठ गांवों में बिजली आपूर्ति ठप है। गंगोत्री धाम के तीर्थपुरोहित राजेश सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री धाम में चार फिट तक बर्फ गिरी है।
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो डायवर्ट रहा ट्रैफिक
तीर्थनगरी ऋषिकेश में दिन भर बारिश और हवाओं के चलते जनजीवन प्रभावित रहा। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर देवप्रयाग में पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने के बाद मुनिकीरेती थाना क्षेत्र के भद्रकाली से वाहन दो घंटे तक डायवर्ट रूट से भेजे गए। देर शाम तक घने बाद छाए थे। भारी बारिश के चलते बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर देवप्रयाग के पास पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरते रहे।
देवप्रयाग पुलिस की ओर से मुनिकीरेती पुलिस को इसकी सूचना दी गई। मुनिकीरेती थाने के वरिष्ठ उप निरीक्षक योगेश पांडे ने बताया कि सुबह करीब ग्यारह बजे देवप्रयाग में पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने की जानकारी मिली। इसके बाद बदरीनाथ हाईवे से जा रहे वाहनों को भद्रकाली से डायवर्ट कर वाया चंबा होते हुए श्रीनगर भेजा गया। बताया कि करीब दो घंटे तक रूट को डायवर्ट रखा गया। एसएसआइ ने बताया कि मौसम की स्थिति को देखते हुए आसपास थाना क्षेत्रों में लगातार संपर्क रखा गया है।
चमोली में आए एवलांच से हुए बड़े हादसे को लेकर एम्स ऋषिकेश का प्रशासन सतर्क हो गया है। एम्स प्रशासन ने हेली एंबुलेंस के साथ एयर स्टाफ को 24 घंटे तैनात रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ट्रामा में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम को तैयार रखा गया है।