Uttarakhand News 09 April 2025: सीएए लागू होने के बाद कुमाऊं से भारत की नागरिकता के लिए 624 लोगों ने आवेदन किया है। इनमें बांग्लादेश से आए 500 और पाकिस्तान के 114 हिंदू शरणार्थी शामिल हैं। अभी सिर्फ पाकिस्तान से शादी के बाद भारत आई रुद्रपुर की एक महिला को नागरिकता दी गई है। अन्य आवेदनों की कमेटी जांच कर रही है। दस्तावेज सही पाए जाने पर ही उन्हें नागरिकता मिल पाएगी।
10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू हुआ था। इसे लागू करने का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मों के प्रवासियों को भारत की नागरिकता देना था। भारतीय नागरिकता के लिए मिले आवेदनों में से 492 सूची में शामिल कर लिए गए हैं और उनकी जांच भी शुरू कर दी गई है। 132 आवेदनकर्ता जरूरी दस्तावेज जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। संवाद
ये दस्तावेज हैं जरूरी
- पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के व्यक्ति को इन तीनों में से किसी भी देश से आने का प्रमाण देना होगा।
- संबंधित शरणार्थी के पास पास 31 दिसंबर 2014 से पहले का भारत का आधार कार्ड या पैन कार्ड होना अनिवार्य है।
- दोनों दस्तावेज में यह जानकारी होना आवश्यक है कि ये किस तिथि को बहे हैं।
नागरिकता दिलाने वाली कमेटी में ये हैं शामिल
नागरिकता दिलाने के लिए बनी कमेटी में चेयरमैन डाक विभाग के प्रवर अधीक्षक, इंटेलिजेंस ब्यूरो, तहसीलदार और रेलवे अफसर शामिल हैं। ये लोग आवेदनों की जांच कर रहे हैं।
नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत से कोई आवेदक नहीं
सरकार ने प्रत्येक जिले में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए लोगों को नागरिकता दिलाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। ऊधमसिंह नगर के अलावा किसी भी जिले से अब तक नागरिकता के लिए आवेदन नहीं मिला है।
ऊधमसिंह नगर से सबसे ज्यादा अप्लीकेशन
विभाजन के समय पूर्वी पाकिस्तान से लाखों शरणार्थी भारत आए थे। साल 1951-52 में सबसे पहले तत्कालीन नैनीताल जिले वर्तमान में ऊधम सिंह नगर के दिनेशपुर में हिंदू शरणार्थियों को बसाया गया था। इसके बाद रुद्रपुर, सितारगंज, शक्तिफार्म और गदरपुर में इन्हें रहने के लिए जगह दी गई। इनमें पंजाबी और बंगाली समुदाय की आबादी सबसे अधिक है। इसलिए भारतीय नागरिकता के लिए ऊधमसिंह नगर से सबसे ज्यादा आवेदन आए हैं।
सीएए के तहत अब तक भारत की नागरिकता के लिए 624 लोगों ने आवेदन किया है। इसमें बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू शामिल हैं। रुद्रपुर में शादी के बाद भारत आई महिला को नागरिकता दे दी गई है। अन्य की जांच चल रही है। – अमित दत्त, प्रवर अधीक्षक डाकघर नैनीताल मंडल /सीएए नागरिकता कमेटी चेयरमैन