Uttarakhand News, 21 July 2023: दुर्गापुर : मणिपुर में दो महिलाओं पर क्रूर अत्याचार के वीडियो की देशभर में निंदा हो रही है. इसी बीच पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान में दो आदिवासी महिलाओं पर राक्षसी अत्याचार का वीडियो सामने आया है. जानकारी के मुताबिक, इन महिलाओं के साथ डायन होने के संदेह में अत्याचार किया गया. इस मामले में एक वृद्धा जिसकी उम्र 60 वर्ष बतायी जा रही है और उसकी बेटी पीड़िता है.
आरोप है कि महिलाओं को मल-मूत्र खाने के लिए मजबूर किया गया. भारत जकात माझी परगना महल की मदद से आदिवासी बुजुर्ग गुरुवार को न्याय की गुहार लगाने फरीदपुर थाने पहुंचे. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि शिकायत साबित होने पर कार्रवाई की जाएगी.
डायन के आरोप में प्रताड़ना : दुर्गापुर के फरीदपुर थाना क्षेत्र की रहने वाली सरस्वती बाउरी को इलाके में गुनिन के नाम से जाना जाता है. उन्होंने अंडाल थाने के आदिवासी मोहल्ले के कुछ लोगों को बताया कि उनके गांव में ‘चुड़ैल’ है. उसके बाद 60 वर्षीय आदिवासी महिला और उसकी बेटी को डायन कहकर प्रताड़ित किया.
मां-बेटी पर क्रूर अत्याचार : बुजुर्ग ने आरोप लगाया कि धारदार ब्लेड से सिर के बाल और त्वचा काटने के बाद, उन्हें छाती के बल लिटाया गया, उनकी नाक पकड़ी गई और उन्हें मल-मूत्र खिलाया गया. बात यहीं ख़त्म नहीं होती. कथित तौर पर, अत्याचारियों ने उन्हें ज़हरीले कांटों पर लगभग अर्धनग्न बैठने के लिए मजबूर किया. कथित तौर पर क्रूर शारीरिक और मानसिक यातना देने के बाद उनसे 20 हजार रुपये ले लिए गए और उन्हें गांव से बाहर भेज दिया गया.
अंडाल थाने में शिकायत: 21वीं सदी में भी दक्षिण खंड का यह गांव मध्ययुगीन बर्बरता का गवाह बना है. इस घटना के बारे में जानने के बाद, जनजाति के संगठन भारत जकात परगना महल के अधिकारी ने दोनों महिलाओं को रेस्क्यू किया. गुरुवार को जब महिला और उसकी बेटी पहली बार फरीदपुर थाने में शिकायत दर्ज कराने गईं तो पुलिस ने कहा कि चूंकि वे अंडाल थाने में रहते हैं, इसलिए उन्हें उसी थाने में शिकायत दर्ज करानी चाहिए. उस आदिवासी महिला ने दुर्गापुर फरीदपुर ब्लॉक के बीडीओ से लिखित शिकायत करने के बाद अंडाल थाने में शिकायत की.
अपने और अपनी बेटी के साथ हुई भयानक यातनाओं को याद करते हुए, वृद्ध महिला ने कहा कि उन्होंने हमें डायन कहा और मुझे और मेरी बेटी को पीटा. हमें जबरदस्ती मल खिलाया. मुझे तब तक पीटा जब तक मैं बेहोश नहीं हो गई. मुझसे 20,000 रुपये छीन लिए. मैं चाहती हूं कि उन्हें कड़ी सजा मिले.
आदिवासी संगठन ने की न्याय की मांग: भारत जकात माझी परगना के सदस्यों में से एक लेबू हेम्ब्रम ने कहा कि गुनिन, तांत्रिकों का एक वर्ग ग्रामीणों को डायन कहकर भड़काकर इस अंधविश्वास को जीवित रखे हुए है. इस वृद्धा और उसके परिवार पर अमानवीय अत्याचार किए गए हैं. उन्हें जहरीले कांटों पर बैठने के लिए मजबूर किया गया है. पिटाई के अलावा, उन्हें उनके घरों और गांवों से बेदखल कर दिया गया है. इसलिए हमने न्याय के लिए पुलिस से संपर्क किया है.
पुलिस प्रमुख ने दिया कार्रवाई का आश्वासन: आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के डीसी पूर्व कुमार गौतम ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि हमें शिकायत मिली है. पूरी घटना की जांच की जाएगी. अगर शिकायत सही पाई गई तो दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.