Uttarakhand News 05 Nov 2024: अस्पताल में भर्ती चार साल की मासूम के बिलखने और बार-बार मम्मी-मम्मी पुकारने की आवाज हॉस्पिटल कर्मियों को भावुक कर रही थी। किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि उस मासूम को कैसे बताएं कि जिन्हें वह बुला रही है वह कभी लौटकर नहीं आएंगे। मरचूला हादसे ने उसके सिर से मां-पिता साया छीन लिया है। बच्ची की देखरेख के लिए उसके नाना हरिकृष्ण नेगी, नानी सुशीला देवी अस्पताल पहुंच गए हैं। दोनों अपने बेटी-दामाद को खोने का गम छुपाए अपनी नवासी की तीमारदारी में लगे हैं।
नानी बार-बार आंचल से अपने आंसू पोछती दिखी। शाम करीब साढ़े तीन बजे बच्ची को रामनगर अस्पताल से एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया है। शिवानी के पिता मनोज रावत रामनगर में उद्यान विभाग के अंतर्गत फल संरक्षण में ट्रेनिंग सुपरवाइजर पद पर कार्यरत थे और मां चारू रावत गृहिणी थीं।
रावत दंपती रामनगर में ईदगाह रोड पर आस्थान के फ्लैट में अपनी बेटी शिवानी के साथ किराये पर रहते थे। बच्ची अस्पताल में बार-बार अपनी मां को पूछ रही थी। अस्पताल कर्मी किसी तरह उसे दिलासा दे रहे थे।
दिवाली पर आए थे घर
बच्ची के नाना ने बताया कि सभी लोग गांव में दिवाली मनाने आए थे। त्योहार के बाद सभी रामनगर जा रहे थे। मेरे दामाद के पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी, गांव में उनकी मां मालती देवी हैं। त्योहार के बाद बेटी और दामाद कभी घर नहीं लौटेंगे, ऐसा सोचा नहीं था। अब शिवानी की जिम्मेदारी भी अब उनके कंधों पर है।