सावधान! साइबर ठग अब पेंशनरों को ठगी का शिकार बनाने के लिए जाल बिछाए हैं। ऐसे संकेत कोषागारों को मिले हैं। ये साइबर ठग इस बीच पेंशनरों को फोन कॉल कर रहे हैं और खुद को कोषागार का अधिकारी या कर्मचारी बताकर जीवन प्रमाण पत्र के नाम पर पेंशन डाटा मांग रहे हैं। ऐसी भनक लगते ही अल्मोड़ा के मुख्य कोषाधिकारी ने पेंशनरों को सचेत किया है कि वे ऐसे किसी भी फ्रॉड काल के धोखे में ना आएं और ठगी का शिकार बनने से बचें।
मुख्य कोषाधिकारी हेमेन्द्र प्रकाश गंगवार ने बताया कि साइबर ठगी करने वाले कतिपय व्यक्ति अपने को कोषागार का अधिकारी/कर्मचारी बताकर पेंशनरों से जीवन प्रमाण पत्र के संबंध में चर्चा करते हुए पेंशन डाटा मांग रहे हैं। श्री गंगवार ने सभी पेंशनरों को सचेत करते हुए स्पष्ट किया है कि कोषागार द्वारा किसी भी पेंशनर से फोन के जरिये कोई भी डाटा नहीं मांगा जाता है। इसके बावजूद अगर किसी भी पेंशनर के पास ऐसी फोन काल आ रही हो, तो किसी से भी अपना पेंशन का डाटा साझा ना करें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की फ्रॉड काल से सतर्क रहें और ऐसा होने पर तत्काल सूचना अपने संबंधित कोषागार या पुलिस या साइबर सेल को दें। उन्होंने बताया है कि शासन के निर्देशानुसार पेंशनर अपना जीवन प्रमाण पत्र राज्य के किसी भी कोषागार/उपकोषागार में खुद उपस्थित होकर या जनसेवा केन्द्र में ई-जीवन प्रमाण के माध्यम से जमा कर सकते हैं। इसके अलावा किसी के धोखे में ना आएं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में इसी के तहत अल्मोड़ा के खत्याड़ी निवासी आनंदी नेगी के खाते से 62500 रुपये, दन्यां निवासी दीप्ति शाह के खाते से 4599 रुपये और सोमेश्वर निवासी रवि के खाते से 40 हजार रुपये ठगों ने पार कर लिए। तीनों को अपने जाल में फंसाकर साइबर ठग ने करीब 1 लाख 7099 रुपये का चूना लगा दिया। तीनों पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने तत्परता के साथ 75 हजार रुपये वापस खाते में लौटवा दिए। शेष राशि को भी वापस करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इधर एसएसपी प्रदीप कुमार राय ने किसी भी हाल निजी जानकारी और ओटीपी अंजान व्यक्ति से शेयर न करते हुए साइबर ठगी को लेकर जागरूक किया है।