Uttarakhand News 14 September 2024: अल्मोड़ा। लमगड़ा थाना क्षेत्र के सांगड़ साहू व दुबरौली गांव के बीच शुक्रवार देर रात एक वैगनआर अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। जिसमें चालक समेत तीन की मौत हो गई।
सूचना के बाद पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। रेस्क्यू कर शनिवार तड़के शवों को खाई से बाहर निकाला जा सका। जबकि देर रात घायलों का रेस्क्यू कर उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया।
अंतिम संस्कार से वापस आ रही थी बेटी
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार खटीमा से वैगनआर कार संख्या यूके-05-टीए-4577 का चालक प्रेम कुमार 35 वर्ष निवासी ग्राम डोबरा पिथौरागढ़ शुक्रवार को सवारी लेकर पिथौरागढ़ को निकाला। वाहन में अपने पिता के अंतिम संस्कार में खटीमा गई सुनीता देवी व उनका सात वर्षीय पुत्र आरुष और साथ में चालक के परिचित बजेड पिथौरागढ़ निवासी भाई बहन आशीष कुमार 19 वर्ष और रजनी 23 वर्ष सवार थे।
खराब मौसम के बीच शुक्रवार देर रात करीब 10 बजे चालक वाहन लेकर डुबरौली गांव के समीप पहुंचा। यहां पर तेज वर्षा के चलते सड़क अचानक धंस गई। सड़क धंसने से चालक वाहन से नियंत्रण खो बैठा। अनियंत्रित वाहन करीब 100 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। जहां वाहन के परखच्चे उड़ गए। जबकि दुर्घटना में सुनीता देवी 33 वर्ष, रजनी देवी 33 वर्ष की मौके पर ही मौत हो गई।
चालक प्रेम कुमार ने लमगड़ा अस्पताल में दम तोड़ दिया। हालांकि वाहन दुर्घटना में 19 वर्षीय आशीष कुमार और सात वर्षीय आरुष कुमार बाल-बाल बच गए। जिन्हें गंभीर हालत में उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
इधर, पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर शनिवार को पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए अल्मोड़ा भेज दिया। यहां रेस्क्यू टीम में थानाध्यक्ष लमगड़ा दिनेश नाथ महंत, एएसआइ विक्रम सिंह, हेड कांस्टेबल दीपक मेहरा, विनोद कुमार कमल जोशी और एसडीआरएफ की टीम शामिल रही।
भूस्खलन के चलते अचानक धंस गई सड़क
अल्मोड़ा जिला मुख्यालय समेत जिले भर में बुधवार देर रात से शुक्रवार देर शाम तक वर्षा का दौर जारी रहा। इस दौरान जगह-जगह भूस्खलन से सड़कों पर बोल्डर और मलबा आया था। मलबा और बोल्डर गिरने से टनकपुर पिथौरागढ़ एनएच और अल्मोड़ा हल्द्वानी एनएच पर वाहनों का आवागमन ठप था।
चालक लमगड़ा से पिथौरागढ़ की ओर जा रहा था। लेकिन दुबरौली के पास सड़क धंसने से वाहन दुर्घटना का शिकार हो गया। जिसमें तीन लोगों की अकाल मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मृतक सुनीता के पति भी साथ गए थे। लेकिन वह उनके साथ वापस नहीं लौटे। जबकि दो अन्य पहचान के लोग चालक के साथ सवार होकर पिथौरागढ़ को निकले।