कोटद्वार: Ankita Murder Case: बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ता अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपितों की पैरवी नहीं करेंगे। साथ ही अंकिता के स्वजन को न्याय दिलाने के लिए न्यायालय में हरसंभव सहयोग करेंगे। रविवार को बार एसोसिएशन की बैठक में यह फैसला किया गया। एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पंत ने कहा कि अंकिता हत्याकांड उत्तराखंड को शर्मसार करने वाली घटना है। वहीं, कोटद्वार में वकीलों द्वारा आरोपियों का मुकदमा नहीं लड़ने के फैसले के कारण सभी आरोपियों की जमानत पर सुनवाई नहीं हुई. आरोपियों की न्यायिक हिरासत 6 अक्टूबर को खत्म हो रही है.
इस जघन्य हत्याकांड ने प्रदेश की जनता को झकझोर दिया है। इस प्रकार के जघन्य अपराध के लिए समाज में कोई जगह नहीं है। कहा कि सभी को मिलकर अंकिता के स्वजन को इंसाफ दिलाने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन हत्याकांड के दोषियों की पैरवी नहीं करेगा। इस मौके पर प्रवेश रावत, रश्मि चंदोला, जसवीर राणा, सुनील डोबरियाल, प्रकाश नेगी, आशुतोष कंडवाल, रजनीश रावत, सागर बिष्ट, विकास कुमार, सुनील नेगी, अमित बडोला, सुनील खत्री मौजूद रहे।
जानिए क्या है अंकिता मर्डर केस: बता दें कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के डोभ श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगापुर भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. ये रिजॉर्ट बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित का था. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी, लेकिन बीती 18 सितंबर को अंकिता रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. वहीं, 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.
जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी. लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया और पूछताछ की, तब जाकर तीनों ने राज उगला. इसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.