Uttarakhand News 22 Feb 2024: Fatehpur News: धाता थाना क्षेत्र में बेटे ने बीमा रकम हड़पने के लिए मां की हत्या कर दी। इसके बाद यमुना नदी के किनारे बने टीले के पीछे शव फेंक दिया। मगर हाथ कांपने की वजह से पिता की हत्या नहीं कर पाया। पुलिस ने पिता की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

फतेहपुर जिले में जेवर और बीमा के 55 लाख रुपये हथियाने के लिए बेटे ने मां की गला घोंटकर हत्या कर दी। शव को यमुना नदी के किनारे बने टीले के पीछे फेंक दिया। ग्रामीणों की खोजबीन में शव मिला। पिता ने बेटे की संदिग्ध हरकतों के आधार पर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद बेटा घर से भाग गया है। वारदात में दो अन्य लोग भी शामिल बताए जा रहे हैं।

धाता थाना क्षेत्र के अढौली निवासी रोशन सिंह पटेल मंगलवार सुबह चित्रकूट, राजापुर हनुमान मंदिर दर्शन करने गए थे। वह दोपहर करीब एक बजे घर लौटकर आए। घर में पत्नी प्रभा देवी (49) के न मिलने पर बेटे हिमांशू (23) से पूछा। हिमांशू ने बताया कि मां नाना की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें देखने सुनारी गांव गई हैं। रोशन ने बताया कि शाम को करीब साढ़े छह बजे हिमांशू ने खाना बनाया।
कुछ देर बाद वह खेत में पानी लगाने की बात कहकर घर से निकला। देर रात खेत से लौटने के बाद सोने चला गया। रात करीब दो बजे आहट पर उनकी नींद खुली, तो चारपाई के बगल में लोहे की रॉड और धारदार बांका पड़ा था। इस दौरान घर के सारे दरवाजा खुले होने पर वह चोर की आशंका पर छत पर पहुंचे, तो वहां हिमांशू मौजूद था। हिमांशू के तेवर देख घबराकर रोशन ने सीढ़ियों का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।

फोन से सारे नंबर भी हटा दिए थे
शंका होने पर रोशन ने भूसे की कोठरी में जाकर देख, तो वहां घसीटने के निशान बने थे। भूसे में पत्नी की चप्पल पड़ी देखी। दहशत में वह पूजा घर में छिप गए। बताया कि उनके फोन से सारे नंबर भी हटा दिए थे, इससे वह किसी से संपर्क भी नहीं कर सके। बुधवार तड़के करीब चार बजे पड़ोसी चचेरे भाई जय सिंह का दरवाजा खुलने पर वह उसके पास पहुंचे और आपबीती बताई।

नदी के किनारे टीले पर एक महिला का शव पड़ा मिला
जय सिंह ने सुनारी गांव में फोन कर भाभी प्रभा के बारे में पूछा। जहां से पता लगा कि वह (प्रभा) मायके आई ही नहीं है। सुबह छह बजे सीढ़ी का दरवाजा खोलकर हिमांशू से पूछताछ के लिए सभी पहुंचे, तो वह नहीं था। पड़ोसी की छत के रास्ते वह भाग गया था। कुछ लोगों ने बताया कि हिमांशू को मंगलवार को ट्रैक्टर से जाते देखा था। परिजनों को पता चला कि ऐरई गांव में नदी के किनारे टीले पर एक महिला का शव पड़ा है।

वारदात में दो अन्य लोगों के शामिल होने का अंदेशा
उन्होंने जाकर देखा, तो बोरे में शव प्रभा का भरा था। एएसपी ने बताया कि पिता के अनुसार बीमा पॉलिसी के 55 लाख रुपये पाने के लिए बेटे ने मां की हत्या की है। पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर हत्यारोपी बेटे की तलाश की जा रही है। पुलिस ने वारदात में दो अन्य लोगों के शामिल होने का अंदेशा भी जताया है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है।

कांप गए हाथ तो बच गया पिता
मां के बाद पिता की हत्या में बेटे के हाथ कांप गए, शायद यही वजह रही कि रोशन सिंह जिंदा है। कातिल बेटा योजना के तहत पिता को मारने के इरादे से उनकी चारपाई तक पहुंचा था। उस समय रोशन गहरी नींद में सो रहे थे। उसके पास पूरा मौका था। धाता थाने के अढौली गांव के हिमांशू को जुआरी बताया जाता है। वह ऑनलाइन सट्टा, जुआ खेलता था। उसने कई लोगों से बैंक लोन के नाम पर कर्ज भी ले रखा था।

जेवर के चक्कर से हिमांशू तनाव में था
कर्ज के चक्कर में तीन दिन पहले मां प्रभा के कमरे से 15 लाख कीमत के सोने के जेवरात व एक किलो चांदी भी चोरी किए थे। जेवरात चोरी का पता लगने पर सोमवार को पिता ने फटकारा था और जेवरात लाने की बात कही थी। इस दौरान किसी से मोबाइल पर हिमांशू ने पिता की बात कराई थी। मोबाइल पर बात करने वाले शख्स ने बोला था कि जेवरात लौटा देगा। जेवर के चक्कर से हिमांशू तनाव में था।

नदी में फेंकना चाहता था मां का शव
मां भी जेवरात के लिए दबाव बना रही थी। उसने मां की हत्या के बाद शव को भूसे की प्लॉस्टिक बोरे में भरा था। उसे मालूम था कि करीब एक बजे के आसपास पिता राजापुर से लौट आएगें। इसी वजह से मंगलवार सुबह ही हत्या कर दी। उसने आनन-फानन ट्रैक्टर ट्रॉली में शव का बोरा रखा और नदी के किनारे छिपाकर भाग आया था। मां की हत्या का पिता से राज खुलने का डर था। वह नदी में शव फेंकना चाहता था। दो साथियों संग करीब शाम पांच बजे वह बाइक से पहुंचा था।

चौकीदार ने तीनों को टोंका था और दोबारा न आने को भी बोला
नदी के किनारे शवदाह का निर्माण हो रहा है। निर्माण सामग्री की सुरक्षा के लिए वहां चौकीदार झोपड़ी बनाकर रहता है। चौकीदार ने तीनों को टोंका था और दोबारा न आने को भी बोला था। इसी वजह से आरोपी बारिश में खेत पर पानी लगाने के बहाने फिर घर से निकला था। करीब रात 11 बजे वह बाइक से साथियों के साथ शव को ठिकाने लगाने टीले पर गया था। चौकीदार ने पुलिस को बताया कि रात को बाइक सवार उसे झोपड़ी में देखकर भाग निकले थे। पुलिस हिमांशू के साथ रहने वाले दोस्तों की भी तलाश में जुटी है।

चरवाहे ने दोपहर को देखा शव, पुलिस को नहीं दी खबर
ट्रैक्टर ट्रॉली से शव का बोरा उतारकर टीले पर रखने के बाद हिमांशू लौट रहा था। टीले से कुछ दूरी पर चरवाहे बकरी चरा रहे थे। एक चरवाहे ने हिमांशू से बोरे के बारे में भी पूछा था। कबाड़ का बोरा बताकर वह चला गया था। चरवाहा कुछ समय बीतने के बाद बोरे के पास पहुंचा। उसने बोरे के बंधन की ओर टटोला। किसी का शव होने का उसे अहसास हुआ। इसके बाद उसने शव महिला या फिर पुरुष का है, यह जानने के लिए पैरों को छूकर भी देखा था। पैर में बिछिया, पायल होने से महिला का शव जानकर वह अपने गांव ऐरई लौट गया। पूरे गांव में चर्चा फैलने के बाद भी पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।

पिता के 55 लाख का बीमा, मां के नहीं मिले कागज
आरोपी हिमांशू की करीब 23 से 24 साल के आसपास की उम्र है। उसके दिमाग में साजिश दो माह से चल रही थी। योजना के तहत पिता व मां को बीमा के लिए प्रेरित किया था। उसने पिता की एक पॉलिसी दिसंबर माह में 30 लाख व दूसरी फरवरी माह में 25 लाख की ली थी। उसने मां की बीमा पॉलिसी कराई थी। मां की पॉलिसी के कागज हिमांशू ने अपने पास ही रखे थे। पॉलिसी में नॉमिनी हिमांशू ही था।

मृतका के बड़े बेटे को जेठ ने ले रखा गोद
मृतका के दो पुत्र अंकुर और हिमांशू हैं। छोटा हिमांशू मां व पिता के साथ रहता था। बड़े को मृतका के सेवानिवृत्त फौजी जेठ लाल सिंह ने गोद ले रखा था। जेठ लाल सिंह प्रयागराज में रहते हैं। उन्हें कोई पुत्र व पुत्री नहीं है। हिमांशू के चुराए जेवरातों में अंकुर भी हिस्सेदार था।