Uttarakhand News 19 Jan 2024: साइबर ठगों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई को ठगी का नया हथियार बना लिया है। हल्द्वानी में साइबर ठगों की नई शातिर चाल सामने आई है। ठगों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये एक युवक की नकली आवाज तैयार की। इसके जरिए उसकी साली को फोन कर 20 हजार रुपए ठग लिए। यूभी चौधरी ने पुलिस को बताया कि वह हल्द्वानी में एक निजी संस्थान में नौकरी करती है।

हल्द्वानी। साइबर ठगों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई को ठगी का नया हथियार बना लिया है। हल्द्वानी में साइबर ठगों की नई शातिर चाल सामने आई है। ठगों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये एक युवक की नकली आवाज तैयार की। इसके जरिए उसकी साली को फोन कर 20 हजार रुपए ठग लिए।

उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद में रहने वाली यूभी चौधरी ने पुलिस को बताया कि वह हल्द्वानी में एक निजी संस्थान में नौकरी करती है। गुरुवार को उसके पास नए नंबर से फोन आया। काल करने वाले ने उसे उसका जीजा बताया। ठग की आवाज हुबहू जीजा की तरह थी, इसलिए उसे जरा भी संदेह नहीं हुआ। काल करने वाले ठग ने कहा कि वह किसी बड़ी मुसीबत में फंस गया है। तत्काल 40 हजार रुपये चाहिए और शाम तक वापस भी लौटा देगा।

इस पर यूभी ने पहली बार में तुरंत 20 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। दूसरी बार में 20 हजार रुपये ट्रांसफर करने लगी तो रुपये नहीं गए। इसके बाद युवती ने अपनी बड़ी बहन को फोन किया। बहन से जीजा के साथ होने व किसी प्रकार की परेशानी में न होने की बात बताई। तब उसे ठगी का पता चला और साइबर सेल पहुंचकर शिकायती पत्र दिया है।

ये है आर्टिफिशियन इंटेलीजेंस
साइबर थाना प्रभारी ललित जोशी का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का अर्थ कृत्तिम बौधिकता है। इसके माध्यम से नकली तरीके से बनावटी सामग्री तैयार की जाती है। जैसे किसी का हावभाव, बोलना, चलना आदि। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस उतना ही काम करेगा। जितना इसे किसी सिस्टम में फीड किया जाएगा। हुबहू आवाज आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस है। डी फेक वीडियो के माध्यम से भी इस तरह की ठगी हो रही है। इसे भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस माना जा रहा है।

समय रहते शिकायत मिली है। बैंक की मदद से एकाउंट को होल्ड कर दिया गया है। अगर रुपये खाते से नहीं निकले तो वापस आने की संभावना है। मगर ऐसा बहुत कम होता है।