Uttarakhand News 25 Jan 2024: Uttarakhand आम जनता के साथ-साथ वीआईपी लोग भी प्रभु श्रीराम के दर्शन कर रहे हैं। अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने कैबिनेट के मंत्रियों संग राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए जाएंगे। सीएम धामी अपने कैबिनेट के साथ 2 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर का दौरा करेंगे। मुख्यमंत्री ने फैसला किया है कि सभी कैबिनेट मंत्री जाएंगे और रामलला के दर्शन करेंगे।

अयोध्या में विराजे रामलला के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। आम जनता के साथ-साथ वीआईपी लोग भी प्रभु श्रीराम के दर्शन कर रहे हैं। अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने कैबिनेट के मंत्रियों संग राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए जाएंगे।

सीएम धामी अपनी कैबिनेट के साथ 2 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर का दौरा करेंगे। मुख्यमंत्री ने फैसला किया है कि सभी कैबिनेट मंत्री जाएंगे और रामलला के दर्शन करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान जारी किया है कि अब पूरी कैबिनेट एक साथ प्रभु के दर्शन करेगी।

राममय हो गई थी देवभूमि
गौरतलब है कि उत्तराखंड में भी प्राण-प्रतिष्ठा के दिन खास तैयारी की थी। इस तैयारी में पूरी देवभूमि राममय हो गई थी। इस पूरे कार्यक्रम की जिम्मेदारी खुद सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की थी। उन्होंने वर्चुअली सपरिवार रामलला के दर्शन किए थे। सीएम धामी ने पहले कहा था कि भगवान श्री राम का उत्तराखंड से अटूट संबंध है। उन्होंने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा तैयार वार्षिक कैलेंडर ‘सशक्त नेतृत्व समृद्ध उत्तराखंड’ का विमोचन किया था।

‘500 ​​साल के लंबे संघर्ष के बाद आया ये दिन’
प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर सीएम धामी ने अपने सरकारी आवास स्थित मंदिर में पूजा-अर्चना की थी और कहा कि 500 ​​साल के लंबे संघर्ष के बाद इस भव्य महोत्सव का साक्षी बनकर मैं बेहद उत्साहित हूं। सीएम धामी ने कहा था कि भगवान श्री राम का उत्तराखंड से अटूट संबंध है।

श्रीराम और उत्तराखंड का है खास नाता
सीएम धामी ने प्रभु श्रीराम और उत्तराखंड के रिश्ते के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सरयू नदी का उद्गम स्थल, जिसके तट पर भगवान श्री राम के पिता और महाराज दशरथ ने संतान प्राप्ति के लिए अनुष्ठान किया था, बागेश्वर जिले में है। इसके बाद जब श्रीराम लंका का दहन करके अयोध्या लौटे थे और मर्यादा पुरुषोत्तम राजा रामचंद्र बने, उन्होंने अहंकारी रावण के वध को टालने के लिए देवप्रयाग के रघुनाथ मंदिर में पितृ यज्ञ किया था।