Uttarakhand News 04 Jan 2024: अमरोहा के ढक्का मोड़ गांव में जींस कारीगर उवैस की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसका आरोप उसकी प्रेमिका के परिजनों पर लगा है। पुलिस ने बताया कि उवैस दिल्ली में काम करता था। जब वह गांव पहुंचा तो प्रेमिका ने उसे मिलने के लिए बुलाया। इसके बाद उसके परिजनों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी।
सैदनगली थानाक्षेत्र के ढक्का मोड़ गांव में परिवार ने बेटी के प्रेमी उवैस (23) की गोली मारकर हत्या कर दी। उवैस जींस सिलने का काम करता था। उवैस के पिता जफरुद्दीन का कहना है कि उनके बेटे का पड़ोस में ही रहने वाले इरशाद की बेटी से प्रेम संबंध था। इरशाद इस बात से नाराज था।
मंगलवार की रात इरशाद ने अपनी बेटी से उवैस को फोन करवाया कि वह घर से बाहर आकर सिमकार्ड ले जाए। प्रेमिका की कॉल पर उवैस घर से बाहर निकला। घर के पास पहले से मौजूद इरशाद और उसके दो बेटों ने उवैस की हत्या कर दी। एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने बताया कि इस मामले में इरशाद, उसके बेटे नवाजिश समेत दूसरे बेटे व बेटी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
इरशाद का दूसरा बेटा और प्रेमिका बताई गई बेटी नाबालिग हैं। तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उवैस के पिता जफरुद्दीन का कहना है कि बेटे की प्रेमिका के पिता ने उवैस को दबोच लिया। नाबालिग छोटे बेटे ने भी उनकी मदद की। इस बीच इरशाद के बड़े बेटे नवाजिश ने उवैस की गोली मारकर जान ले ली।
पांच दिन पहले दिल्ली से गांव आया था उवैस
गांव ढक्का में मोड़ पर किसान जफरूद्दीन का परिवार रहता था। जफरुद्दीन का बड़ा बेटा उवैस जींस कारीगर था। उसकी अभी शादी भी नहीं हुई थी। दिल्ली में रहकर जींस सिलाई का काम करता था। बताते हैं कि पांच दिन पूर्व ही वह घूमने के लिए अपने गांव आया हुआ था। पिछले कई माह से उवैश का प्रेम प्रसंग दूसरी जाति की युवती से चल रहा था।
वह अक्सर बातें करते रहते थे। प्रेमिका के परिवार वालों को ये मंजूर नहीं था। इसी को लेकर प्रेमिका पक्ष के लोग युवक से नाराज थे। पांच दिन ही पहले दिल्ली से घर आया उवैस बहुत खुश था। लेकिन उसे क्या मालूम था कि यह खुशी ज्यादा वक्त तक उसके चेहरे पर नहीं रहने वाली है।
वह दिल्ली अब कभी नहीं जा सकेगा। आरोप है कि मंगलवार की रात को लड़की ने मोबाइल का सिम देने के बहाने उसे बुलाया था। इसी दौरान लड़की के घरवालों ने उसे पकड़ लिया और गोली मार दी।
तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था उवैस
उवैस तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। परिवार को सहारा देने की बड़ी जिम्मेदारी उवैस के कंधों पर ही थी। लेकिन उवैस की हत्या से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट गया है।