Uttarakhand News 12 June 2024: Heat Stroke मौसम की तल्खी कम होने के बजाय और बढ़ रही है। लगातार चल रही लू और सूरज की तपिश से लोग बेहाल हैं। दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में हीट स्ट्रोक डिहाइड्रेशन के हर दिन करीब 15-20 मामले आ रहे हैं। इसी के साथ अगर आपको सिरदर्द थकान और कमजोरी महसूस हो तो इन संकेतों को नजरअंदाज न करें।
Heat Stroke: मौसम की तल्खी कम होने के बजाय और बढ़ रही है। लगातार चल रही लू और सूरज की तपिश से लोग बेहाल हैं। इससे हीट स्ट्रोक के भी मामले बढ़े हैं। अर्द्धबेहोशी, लो ब्लड प्रेशर, उल्टी-दस्त के मामले लगातार आ रहे हैं। शहर के प्रमुख सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय में हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन के हर दिन करीब 15-20 मामले आ रहे हैं।
अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा. अंकुर पांडेय बताते हैं कि भीषण गर्मी की वजह से हीट स्ट्रोक के मामले बढ़े हैं। हीट स्ट्रोक में कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा हो जाती है, रक्तचाप में कमी और थकान की समस्या भी होती है। इसकी वजह से हृदय की गति पर भी असर पड़ता है। इसके अलावा डिहाइड्रेशन के भी काफी मरीज आ रहे हैं।
अगर आपको सिरदर्द, थकान और कमजोरी महसूस हो, तो इन संकेतों को नजरअंदाज न करें। खानपान का ख्याल रखें और भरपूर मात्रा में पानी पिएं। उन्होंने बताया कि दूषित भोजन और पानी के कारण इन दिनों पीलिया, डायरिया, टाइफाइड का भी जोखिम रहता है। इन बीमारियों से ग्रसित मरीज भी लगातार अस्पताल पहुंच रहे हैं।
हीट एग्जॉस्शन के भी मामले बढ़े
जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन डा. प्रवीण पंवार बताते हैं कि गर्मी के कारण हीट एग्जॉस्शन (गर्मी से होने वाली थकावट) के मामले भी बढ़ रहे हैं। इसकी वजह से लोगों को पेट में दर्द, मितली- उल्टी और दस्त की समस्या हो रही है। गर्मी की वजह से थकावट (हीट एग्जॉस्शन) महसूस करने वाले मरीजों में घबराहट, कमजोरी, सिरदर्द जैसी परेशानी भी देखी जा रही है। तापमान बढ़ने पर लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। जो लोग धूप में बाहर रहते हैं, उनको सबसे ज्यादा खतरा है। इसके अलावा बुजुर्ग, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को भी सेहत का ध्यान रखने की जरूरत है।
मांसपेशियों में ऐंठन
चिकित्सकों के अनुसार, थकान और प्यास के अलावा गर्मी में अक्सर हीट क्रैंप का भी सामना करना पड़ता है। बार-बार पसीना आने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स इंबैलेंस बढ़ने लगता है। इससे मसल्स में स्टिफनेस बढ़ जाती है, जो हीट क्रैंप को बढ़ा देता है। ऐसे में शरीर को हाइड्रेट रखें।
ब्लड प्रेशर में वृद्धि
प्रेमनगर अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा मुकेश सुंद्रियाल का कहना है कि जिन लोगों को हाईब्लड प्रेशर की समस्या रहती है, उन्हें गर्मी में सेहत को लेकर सचेत रहने की जरूरत है। डा सुंद्रियाल के अनुसार, पानी का सही मात्रा में सेवन न करने से निर्जलीकरण की समस्या से जूझना पड़ता है। इससे खून गाढ़ा होने लगता है, जिससे रक्त को पंपिंग करने में दिक्कत होती है। इससे हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम और बढ़ जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान
बाहर निकलते समय हीट स्ट्रोक से बचने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखें।
दिन भर में कम से कम दो लीटर पानी का सेवन जरूरी है।
नारियल पानी, जूस, लस्सी का भरपूर सेवन करें। संतरे, तरबूज, खरबूज जैसे मौसमी फलों का सेवन करें।
सिर को धूप से बचाने के लिए हैट या किसी कपड़े या छाते का इस्तेमाल करें।
आंखों को बचाने के लिए चश्मा लगाएं।
घर से निकलते समय सनस्क्रीन लोशन लगाएं।
त्वचा को धूप से बचाने के लिए पूरी बांह के कपड़े जरूर पहनें।