Uttarakhand News, 19 February 2023: Dehradun| 1200 करोड़ रुपये के स्कैम में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने एक और हवाला एजेंट को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। इसी एजेंट के माध्यम से गिरोह चीन और नेपाल में रुपये भेजता था। इसी ने ही हांगकांग और चीन के अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी वेबसाइट बनवाई थी।
वर्ष 2021 में प्रकाश में आए इस मामले में एसटीएफ अब तक छह आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि एक फिल्म प्रोड्यूसर को नोटिस और तीन आरोपियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एनओसी) जारी किया जा चुका है।
आनलाइन ट्रेडिंग में धन कमाने का लालच दिया
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि चार सितंबर 2021 को अमित कुमार निवासी ज्वालापुर हरिद्वार ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उन्हें अज्ञात व्यक्ति ने वाट्सएप पर मैसेज भेजकर आनलाइन ट्रेडिंग का झांसा दिया। आरोपित ने सोना, मसाले और रेडवाइन की ट्रेडिंग में धन कमाने का लालच दिया। इस पर पीड़ित ने उनके विभिन्न खातों में 15 लाख रुपये जमा करा दिए।
एसटीएफ ने जब आरोपितों के उन खातों और मोबाइल नंबरों की जांच की तो पता चला कि इनका चीन और हांगकांग से संबंध है। इसी मामले में 2021 में एसटीएफ ने एक आरोपी रोहित को पंजाब के फरीदकोट से, दो को मध्य प्रदेश से और एक आरोपित को ओडिशा से गिरफ्तार किया था। इसमें मुंबई के एक फिल्म निर्माता की भूमिका भी सामने आई थी। एसटीएफ ने उसे नोटिस जारी किया है।
अब तक की जांच में पाया गया कि यह गिरोह 1200 करोड़ रुपये का स्कैम कर चुका है। पता चला कि इसकी फर्जी वेबसाइट हांगकांग और सिंगापुर में बनवाई गई है। जांच में पता चला कि इसमें दिल्ली निवासी एक व्यक्ति का हाथ है। वह क्रिप्टो के माध्यम से रुपये विदेश भेजता है। इस पर एक टीम को दो दिन पहले दिल्ली रवाना किया गया था।
टीम ने शुक्रवार को दिल्ली से आरोपित अश्वनी कुमार निवासी जिला कैमूर बिहार, वर्तमान निवास मंगल बाजार रोड उत्तम नगर बिंदापुर दिल्ली को गिरफ्तार किया है। आरोपित पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। इसके पास से मोबाइल फोन, डेबिट कार्ड और एक लैपटाप बरामद किया गया है।
ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा, ठगी
एसएसपी के अनुसार आरोपित फर्जी कंपनी बनाकर लोगों को आनलाइन ट्रेडिंग की बात कहकर फर्जी बेवसाइट के माध्यम से रुपये कमाने का लालच देते थे। फर्जीवाड़ा करने वाला गिरोह पूरे देश में फैला हुआ है, जिन्होंने कई फर्जी कंपनियां बनाई थी।
आरोपितों ने फिल्मों की स्क्रीनिंग के नाम पर भी करोड़ों रुपये क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से भारत से बाहर भेजे हैं। अपराध में जिस वेबसाइट का प्रयोग किया गया है वह सिंगापुर में बनाई गई है। मामले की गहराई से जांच की जा रही है।