Uttarakhand News 10 March 2025: प्रदेश की बहुउद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के चुनाव में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित हैं लेकिन 33 हजार महिलाओं सहित एक लाख 11 हजार सदस्य 18 और 19 मार्च को होने वाले चुनाव में मतदान नहीं कर सकेंगे।

वहीं, 450 समितियों में निर्विरोध निर्वाचित प्रबंध कमेटी के सदस्य, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं अन्य संस्थाओं को भेजे जाने वाले प्रतिनिधियों का निर्वाचन हाईकोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन रहेगा। प्रदेश की सहकारी समितियों के चुनाव कानूनी दांव पेंच में उलझे हैं। समितियों के 24 और 25 फरवरी को होने वाले चुनाव को रद्द किए जाने के बाद अब 450 समितियों का निर्विरोध निर्वाचन भी हाईकोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन है। जिस पर मई महीने में सुनवाई है।

वहीं, निर्विरोध निर्वाचन के अलावा अन्य खाली सीटों पर 18 और 19 मार्च को होने वाले चुनाव में 33 हजार महिला एवं 78 हजार पुरुष सदस्य मतदान नहीं कर सकेंगे। इन महिलाओं और अन्य सदस्यों को मतदान का अधिकार देने के लिए सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने शासन को प्रस्ताव भेजा था।

प्राधिकरण की ओर से कहा गया कि समिति से पिछले तीन साल में एक बार भी लेन-देने न करने वाले सदस्यों को भी मतदान का अधिकार दिया जाए। शासन से इस प्रस्ताव को मंजूरी के बाद समिति से जुड़ी इस तरह की कई महिला और पुरुष सदस्यों ने 24 और 25 फरवरी को हुए सहकारी समितियों के चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, लेकिन हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद इस चुनाव को जहां रद्द कर दिया गया, वहीं, नियम 12 (ख) में बदलाव से मतदान का अधिकार पाने वाले यह सदस्य अब मतदान नहीं कर सकेंगे।