Uttarakhand News, 20 April 2023: देहरादून: क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के नाम पर झांसा देकर डिस्पेंसरी रोड निवासी पीड़िता के साथ साइबर ठगों ने लाखों रुपए की ठगी कर डाली. पीड़िता की तहरीर के आधार पर साइबर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया है. साइबर पुलिस मामले की जांच कर रही है.

व्हाट्सएप मैसेज से शुरू हुआ ठगी का खेल: डिस्पेंसरी रोड निवासी सेजल बेरी ने साइबर पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके पास व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया था. मैसेज में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की बात कही गई थी. पीड़िता ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने पर अच्छा खासा फायदा होने की बात सुनी थी. इससे वो लालच में आ गई.

क्रिप्टो करेंसी के नाम पर की ठगी: कुछ दिन बाद पीड़िता के पास एक व्यक्ति का फोन आया. फोनकर्ता ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के लिए पीड़िता को कहा. इसके लिए फोनकर्ता ने पीड़िता को एक वेबसाइट का लिंक भेजा. पीड़िता फोनकर्ता के झांसे में आ गई. उसने कुछ रुपए जमा कर कथित क्रिप्टो करेंसी खरीद ली. पीड़िता को काफी दिनों तक इस वेबसाइट पर लाभ दिखता रहा.

करोड़ों रुपयों के सपने ने लगाया लाखों का चूना: करोड़ों रुपए का लाभ देखने के बाद पीड़िता ने निर्णय किया कि यह वो रकम अपने खाते में ट्रांसफर करेगी. लेकिन जब पीड़िता ने रकम अपने खाते में ट्रांसफर करनी चाही तो रुपए ट्रांसफर नहीं हुए. उसी दौरान पीड़िता के पास फोनकर्ता का फोन आया कि वह रुपए तभी ट्रांसफर होंगे, जब टैक्स चुकाया जाएगा. उस फ्रॉड ने समझाया कि यह रकम भारतीय करेंसी में जमा होगी.

क्रिप्टो करेंसी के लालच में 13 लाख रुपए से ज्यादा गंवाए: पीड़िता टैक्स चुकाने के लिए तैयार हो गई. धीरे-धीरे करते पीड़िता ने कुल 13 लाख 80 हजार रुपए जमा करा दिए. लेकिन उसके बाद भी रकम ट्रांसफर नहीं हुई तो पीड़िता ने फोन किया. अब फोनकर्ता ने फोन उठाने बंद कर दिए. तब जाकर देहरादून निवासी पीड़िता को समझ में आ गया कि वो साइबर ठगी का शिकार हो चुकी है.

साइबर सेल ने दर्ज किया मुकदमा: साइबर सेल सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया है. पुलिस पीड़िता के मोबाइल पर आने वाले फोन नंबरों की जांच कर रही है. साथ ही जिस खाते में रकम ट्रांसफर हुई है, उन खातों की भी जांच की जा रही है.