Uttarakhand News, 5 दिसंबर 2022: कतर में 90 दिनों से अधिक समय से कैद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों की रिहाई अधर में लटक गई है। बार-बार प्रयास के बादजूद भारत सरकार उन्हें कतर के गिरफ्त से नहीं निकाल पा रही है। लेकिन इन सब के बीच पीड़ितों के परिवारों ने एक और परेशान करने वाली खबर दी है। परिवार के मुताबिक कोर्ट में सुनवाई के बाद सभी पूर्व नौसैनिकों की कस्टडी एक महीने और के लिए बढ़ा दी गई है। यानी इन सभी की रिहाई की उम्मीद एक बार फिर से टूट गई है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि इन सभी को किस आरोप में हिरासत में लिया गया है, अभी तक इसकी जानकारी नहीं मिली है।
कंपनी ने परिवार के सदस्यों को दी हिरासत बढ़ाने की जानकारी:
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक परिवार के सदस्यों के साथ संवाद करने वाले कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, रविवार को तीन-न्यायाधीशों की बेंच ने सुनवाई की और पूर्व नौसैनिकों की हिरासत एक महीने और के लिए बढ़ा दी। उन्होंने परिवार को बताया कि वे सुनवाई के दौरान मौजूद थे, लेकिन पीड़ित पूर्व नौसैनिकों से बहुत कम बातचीत हुई। 30 दिन का विस्तार 1 दिसंबर से प्रभावी है। पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि सुनवाई में पूर्व नौसैनिकों के खिलाफ आरोप सामने नहीं आए।
सभी आठ पूर्व कर्मियों को 30 अगस्त की रात को हिरासत में लिया गया था:
भारतीय नौसेना के सभी आठ पूर्व कर्मियों को 30 अगस्त की रात को हिरासत में ले लिया गया था। तब से उन्हें एकांत कारावास में रखा गया है, और उनके खिलाफ आरोपों की कोई सार्वजनिक जानकारी नहीं है। उनके परिवार नई दिल्ली से उनकी शीघ्र रिहाई के लिए आग्रह कर रहे हैं। हिरासत में लिए गए लोगों में कमांडर (सेवानिवृत्त) पूर्णेंदु तिवारी हैं, जो एक भारतीय प्रवासी हैं, जिन्हें 2019 में प्रवासी भारती सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार पूर्णंदू तिवारी भारतीय नौसेना में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके हैं।
ये सभी कतर की एक निजी कंपनी में कर रहे थे काम:
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेवानिवृत होने के बाद ये सभी नौसैनिक कतर की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे। यह कंपनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करती है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, कंपनी का नाम दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज है। कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी की स्थानीय भागीदार बताती है।
किस आरोप में इन्हें हिरासत में लिया गया इसकी जानकारी नहीं: परिवार
इधर तिवारी की बहन डॉक्टर मीतू भार्गव ने कहा कि हमें बहुत अधिक चिंता हो रही है। हमें यह जवाब नहीं मिल पा रहा कि आखिर मेरे भाई को किस आरोप के तहत हिरासत में लिया गया है? उन्हें हिरासत में लिए हुए 90 दिन से अधिक हो गए हैं। भारत सरकार को जल्द से जल्द रिहाई का प्रयास करना चाहिए।