Uttaranchal News, 7 February 2023: तुर्की में मंगलवार को फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटकों की तीव्रता 5.9 थी. तुर्की में इससे पहले सोमवार को भूकंप के तीन झटके लगे थे. इनमें से पहला भूकंप सुबह 4 बजे 7.8 तीव्रता का आया. इसके बाद 7.5 और 6 तीव्रता के भूकंप आए. तुर्की में पिछले 24 घंटे में 2900 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं, तुर्की-सीरिया में अब तक 4360 लोगों की मौत हो चुकी है. तुर्की में 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा हुई है.
मिडिल ईस्ट के चार देश तुर्किये (पुराना नाम तुर्की), सीरिया, लेबनान और इजराइल सोमवार सुबह भूकंप से हिल गए। यहां 12 घंटे में बड़े भूकंप आए। सबसे ज्यादा तबाही एपिसेंटर तुर्किये और उसके नजदीक सीरिया के इलाकों में देखी जा रही है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक- तुर्किये और सीरिया में अब तक 4300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लेबनान और इजराइल में भी झटके महसूस किए गए, लेकिन यहां नुकसान की खबर नहीं है। तुर्किये में अब तक 2921 लोगों की जान जा चुकी है। 15 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। वहीं, सीरिया में 1444 लोग मारे गए और 2 हजार से ज्यादा जख्मी हैं।
टर्किश मीडिया के मुताबिक- 3 बड़े झटके आए। पहला तुर्किये के वक्त के मुताबिक, सुबह करीब चार बजे (7.8) और दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0)। इसके अलावा 78 आफ्टर शॉक्स दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही।
भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर था: भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई। इसका असर भी दिख रहा है। दमिश्क, अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में इमारतें गिरने की खबर है। वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्कीये में आए भूकंप में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की संवेदनाएं तुर्किये के साथ हैं। भारत सरकार मदद के लिए राहत सामग्री के साथ NDRF और मेडिकल टीमों के खोज और बचाव दलों को तुर्की भेज रही है।
इन शहरों में हुई सबसे ज्यादा तबाही: अंकारा, गाजियांटेप, कहरामनमारस, डियर्बकिर, मालट्या, नूरदगी समेत 10 शहरों में भारी तबाही हुई। यहां 1,710 से ज्यादा बिल्डिंग गिरने की खबर है। कई लोग मलबे के नीचे दबे हैं। लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कई इलाकों में इमरजेंसी लागू कर दी गई है।
स्कूल-कॉलेज एक हफ्ते बंद रहेंगे: तुर्किये के वाइस प्रेसिडेंट फुआत ओक्ते के ऑफिस की तरफ से एक बयान जारी किया गया। कहा- देश के 10 शहरों में इमरजेंसी और रेड अलर्ट जारी रहेगा। सभी स्कूल-कॉलेज एक हफ्ते बंद रहेंगे। फिलहाल, 200 फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं। हम मिलिट्री के लिए एयर कॉरिडोर बना रहे हैं। इसमें सिर्फ एयरक्राफ्ट को लैंड और टेकऑफ की मंजूरी दी जाएगी।
100 साल बाद आया इतना खतरनाक भूकंप, 10 हजार लोग मर सकते हैं: उधर, यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने चौंकाने वाली बात कही है। इसके आंकड़ों के मुताबिक, तुर्किये में मरने वालों की संख्या दो हजार से ज्यादा हो गई है। यह संख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है। USGS ने इसके पीछे तर्क दिया कि 1939 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। तब 30 हजार लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 1999 में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, तब 17 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी।