Uttaranchal News, 1 अक्तूबर 2022: गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक 134 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे पर देश-विदेश के नेताओं ने दुख जताया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज मोरबी जाकर स्थिति का जायजा लेंगे। इससे पहले उन्होंने कल अधिकारियों के साथ उच्च-स्तरीय बैठक की थी।
मोरबी हादसे के घायलों का हालचाल लेने के पीएम मोदी आज सरकारी अस्पताल पहुंच रहे हैं। पीएम के दौरे से पहले अस्पताल का रंग-रोगन किया है। वहां नए कूलर लगाए गए हैं। इस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई है। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि भाजपा प्रधानमंत्री के फोटोशूट के लिए इवेंट मैनेजमेंट में लगी हुई है। वहीं कांग्रेस ने इसे त्रासदी का इवेंट बताया है।
14 नवंबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट: मोरबी पुल हादसे मामले में सुप्रीम कोर्ट 14 नवंबर को सुनवाई के लिए तैयार हो गया। याचिका में दुर्घटना की जांच रिटायर्ड जज के नेतृत्व में कराए जाने की मांग की गई है।
नदी में अभी और मिल सकते हैं शव: एनडीआरएफ कमांडेंट वीवीएन प्रसन्ना कुमार का कहना है कि नदी के तल में कुछ शवों के फंसे होने की आशंका है। इसलिए हमने आज फिर से खोज व बचाव अभियान शुरू किया है।
हादसे में मरने वालों की संख्या 135 हुई: मोरबी हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 135 हो गई है। मोरबी जिला कलेक्टर ने बताया, 14 लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। एक व्यक्ति के लापता होने की खबर है, जिसकी तलाश की जा रही है।
एफआईआर से पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी का नाम गायब: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोरबी हादसे के बाद दर्ज की गई एफआईआर में पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी का नाम तक नहीं है। बता दें, पुलिस ने इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।
3:45 मिनट पर हादसे वाली की जगह पहुंचेंगे पीएम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीन बजकर 45 मिनट पर हादसे वाली जगह पर पहुंचेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल व आला अधिकारी भी होंगे। इसके बाद चार बजे वह अस्पताल में घायलों से मिलेंगे। चार बजकर 15 मिनट पर एसपी कार्यालय पहुंचेंगे।
गुजरात में राजकीय शोक का एलान: गुजरात में एक दिन के राजकीय शोक का एलान किया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, मोरबी पुल हादसे के चलते राज्य में बुधवार(कल) को राजकीय शोक की घोषणा की गई है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर: मोरबी पुल हादसे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट में याचिका दायर कर सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में तत्काल न्यायिक आयोग नियुक्त करने की मांग की गई है। इसके अलाला याचिका में राज्य सरकारों को पुराने और जोखिम भरे स्मारकों, पुलों के सर्वेक्षण के लिए समिति बनाने के निर्देश देने की मांग की गई है।