Uttarakhand News 16 September 2024: गौला नदी के बीचोंबीच मलबे का पहाड़ है। इसने गौला नदी के प्राकृतिक बहाव को अवरुद्ध किया है। यही वजह है कि जलस्तर बढ़ने पर गौला नदी दो हिस्सों में बंट रही है। एक तरफ नदी रेलवे ट्रैक की रिटर्निंग वॉल को काटने के साथ गौला पुल के पुश्ते पर चोट मार रही है। दूसरी तरफ स्टेडियम के हिस्से को भी चपेट में ले चुकी है।

काठगोदाम पुल से गौला पुल के बीच नदी के आठ किलोमीटर के दायरे में जगह-जगह भारी मात्रा में मलबा जमा है। इस वजह से जलस्तर बढ़ने पर नदी किनारे के इलाकों में कहर बरपा रही है। गौलापार स्थित इंटरनेशनल स्टेडियम और रेलवे स्टेशन के बीच गौला नदी की चौड़ाई करीब 350 मीटर है। इसके 200 मीटर के हिस्से में करीब पांच मीटर ऊंचे मलबे का टापू बन गया है। गौलापार स्टेडियम से 200 मीटर ऊपर के इलाके में भी यही स्थिति है। यहां से नदी दो भागों में बंटकर दोनों हिस्सों में आपदा को निमंत्रण दे रही है। नदी के बहाव लिए रुकावट बन रहे मलबे के पहाड़ को हटाया जाना जरूरी है ताकि नदी का प्रवाह बाधित न हो और भविष्य में नुकसान को रोका जा सके।

तटबंध न होते तो स्टेडियम को होता अधिक नुकसान
स्टेडियम को बचाने के लिए सिंचाई विभाग ने अस्थायी सुरक्षा कार्यों के तहत तटबंध बनाए थे जिन्हें गौला नदी एक झटके में लील गई। यदि ये तटबंध न होते गौलापार स्टेडियम का बड़ा हिस्सा भू कटाव की चपेट में आ सकता था। नदी की दूसरी धारा ने रेलवे स्टेशन की सुरक्षा के लिए किए गए करोड़ों के स्थायी कार्यों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।

गौला नदी के बीच में भारी मात्रा में मलबा जमा है। इससे नदी दो भागों में बंट गई और दोनों ओर नुकसान पहुंचा रही है। नदी में अचानक पानी बढ़ने से नुकसान ज्यादा हुआ। नदी के बहाव में बाधा बन रहे मलबे को हटाने के लिए प्लान तैयार कर कार्रवाई की जाएगी।