Uttarakhand News 12 April 2024: शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब और अपवंचित बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला मिलता है। उनकी पढ़ाई का खर्च राज्य सरकार वहन करती है लेकिन बीपीएल परिवारों के बच्चों का नाम राशन कार्ड में नहीं चढ़ने से वे आरटीई के तहत आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।

राशन कार्ड का कोटा पूरा होने के कारण बीपीएल परिवारों के बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित हो रहे हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत गरीब और अपवंचित बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला मिलता है। उनकी पढ़ाई का खर्च राज्य सरकार वहन करती है लेकिन बीपीएल परिवारों के बच्चों का नाम राशन कार्ड में नहीं चढ़ने से वे आरटीई के तहत आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।

पूर्ति विभाग के अनुसार जिले में वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर तय लक्ष्य के अनुसार राशन कार्ड का कोटा खत्म होने पर कैपिंग लगाई गई है। इस कारण प्राथमिक और अंत्योदय कार्ड में नई यूनिट नहीं जोड़ पा रहे हैं। किसी कार्डधारक को अपने परिवार के नए सदस्य का नाम चढ़ाना है तो उसे प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। इस कारण कई बीपीएल परिवारों के बच्चों का नाम भी प्रतीक्षा सूची में है। ऐसे में जरूरतमंद परिवार आरटीई के तहत अपने बच्चे के दाखिला के लिए आवेदन नहीं करा पा रहे हैं।

केस -1
राजपुरा निवासी रीता ने बताया कि उन्होंने अपने बच्चे का ठंडी सड़क स्थित निजी स्कूल में प्रवेश कराना है। पर बच्चे का नाम राशन कार्ड में होना जरूरी है। सफेड राशन कार्ड में कैपिंग (कोटा खत्म) के कारण नाम चढ़ना या घटाने संबंधित कोई कार्य नहीं होगा। ऐसे में निजी स्कूल में दाखिला नहीं मिल सकेगा।

केस -2
दमुवाढूंगा निवासी तरुण बिष्ट का कहना है कि उनकी बेटी सानवी का दाखिला होना है। एक साल पहले राशन कार्ड में नाम चढ़ाने के लिए आवेदन किया था जो अब तक नहीं हो सका।

केस -3
लाइन नंबर 17 बनभूलपुरा निवासी जीनत ने बताया कि उन्होंने अपनी छोटी बेटी का नाम दो साल पहले राशन कार्ड में चढ़ाने को भेजा था। प्रतीक्षा सूची होने से अब तक नाम ऑनलाइल नहीं दिख रहा है। ऐसे में आरटीई के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं।

केस -4
जवाहर नगर, राजपुरा निवासी जैनब अख्लाख का कहना है कि बेटे मोहम्मद उमर खान का दाखिला कराना है। बेटे का नाम राशन कार्ड में नहीं चढ़ने के कारण परेशानी हो रही है। ऐसे में स्कूल वाले लौटा दे रहे हैं।
स्कूली बच्चों के नाम कटवाने पर सीईओ ने मांगी रिपोर्ट
जिले के पर्वतीय क्षेत्र के धारी ब्लॉक के चौखुटा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी होने से अभिभावकों ने अपने 19 बच्चों का स्कूल से नाम कटवाकर दूसरे स्कूल में करवाया है। एक साथ बच्चों के छोड़ने के बाद स्कूल को बंद कर दिया गया। मुख्य शिक्षाधिकारी ने बीईओ से उक्त मामले की रिपोर्ट मांगी है। चौखुटा निवासी अभिभावक राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि विद्यालय में 19 बच्चे अध्ययनरत थे। लेकिन छह महीने से शिक्षक के छुट्टी पर रहने के चलते गांव की एक निजी शिक्षक के सहारे विद्यालय चल रहा था। इसे देखते हुए अभिभावकों ने अपने बच्चों का नाम स्कूल से कटवा दिया। अभिभावकों ने विद्यालय बंद होने के लिए शिक्षा विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। इधर, मुख्य शिक्षाधिकारी जगमोहन सोनी ने बताया कि बीईओ से उक्त मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। सीईओ ने कहा कि विद्यालय में शिक्षक की व्यवस्था की गई थी। शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे थे। लेकिन अभिभावकों ने स्वंय की मर्जी से अपने बच्चों का नाम कटवाया है।
अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू होने के कारण हर दिन 10 से 12 मामले नाम चढ़ाने से संबंधित आ रहे हैं। लोगों को समझाया गया है कि यह रोक शासन से ही हटेगी। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल वाले प्रवेश के लिए ऑनलाइन नाम दर्ज होने की बात कर रहे हैं। लोगों की सहायता के लिए बच्चे का नाम प्रतीक्षा सूची में रखा जा रहा है।
-जगमोहन सिंह नेगी, पूर्ति निरीक्षक

कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरटीई के तहत प्रवेश के लिए बीपीएल या अंत्योदय कार्ड में ऑनलाइन नाम दर्ज होना जरूरी है। कैपिंग लगने के कारण यदि राशन कार्ड में नाम शामिल नहीं हुए हैं तो विद्यार्थियों को कुछ समय के लिए छूट देते हुए आवेदन प्राप्त करने चाहिए। छूट की समयसीमा के भीतर ऑनलाइन नाम दर्ज होना जरूरी है।
-जगमोहन सोनी, मुख्य शिक्षा अधिकारी, नैनीताल

4000 बच्चों को आरटीई में मिलेगा प्रवेश
आरटीई के तहत अनुबंधित स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें कमजोर और अपवंचित बच्चों के लिए रखी जाती हैं। पिछले शैक्षिक सत्र में करीब 1500 विद्यार्थियों के लिए प्रवेश प्रक्रिया हुई। इस बार भी चार हजार से अधिक बच्चों को आरटीई के तहत प्रवेश मिलेगा।