Uttarakhand News 28 oct 2024: धनतेरस पर्व से पहले ही बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़ने लगी है। रविवार को बाजार में ग्राहकों की आमद ज्यादा रही। बर्तन बाजार से लेकर सोना, फूल, रंग-बिरंगी बिजली की मालाओं की दुकानों में ज्यादा भीड़ देखने को मिली।
मंगलवार को होने वाले धनतेरस पर्व के लिए बाजार पूरी तरह सज गया है। रविवार को खील-खिलौनों से लेकर फूल-मालाओं समेत घरेलू सजावट के सामान से बाजार जगमग रहा। छुट्टी का दिन होने के कारण रविवार सुबह से देर शाम तक लोग दीपावली की खरीदारी में व्यस्त रहे। मीरा बाजार, सदर बाजार, बर्तन बाजार में ग्राहकों की भीड़ रही। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा का कहना है कि ग्राहकों के पास खरीदारी के काफी ऑप्शन हैं। मॉल और ऑनलाइन कारोबार होने के बावजूद लोगों का स्थानीय बाजार पर विश्वास बना हुआ है।
भाव बढ़ने के बाद भी सोने और चांदी का बाजार दमका
वर्तमान में सोना 24 कैरेट प्रति 10 ग्राम 81 हजार से ऊपर चला गया है। वहीं चांदी भी एक लाख रुपये प्रतिकिलो पहुंच गई है। सर्राफा कारोबारी राजेश अग्रवाल ने बताया कि सोने के साथ हीरे की अंगूठी, ब्रेसलेट, टॉप्स और नेकलेस की डिमांड कर रहे हैं। ब्रेसलेट 35 हजार, नेकलेस एक लाख और अंगूठी सात हजार रुपये से उपलब्ध है। ग्रीन सिटी सर्राफा एंड स्वर्णकार एसोसिएशन के अध्यक्ष घनश्याम रस्तोगी ने बताया कि सोने के दाम बढ़ने के बावजूद खरीदारों का उत्साह कम नहीं हुआ है। दीपावली पर लोगों ने चांदी से बनी लक्ष्मी, गणेश जी की मूर्ति, बर्तन और सिक्कों की डिमांड की है। ग्राहक पांच और 10 ग्राम के गोल्ड कॉइन ले रहे हैं। कुछ लोगों ने एक किलो चांदी की ब्रिक भी आर्डर की हैं।
धनतेरस पर होगी बर्तन बाजार की परीक्षा
हल्द्वानी बाजार में करीब 14 प्रमुख बर्तन कारोबारी हैं। बर्तन व्यवसायी राजीव अग्रवाल ने बताया कि त्योहार के लिए थोक व्यापारी खरीदारी कर चुके हैं। अब धनतेरस पर बर्तन कारोबार चमकने की उम्मीद है। अधिकतर लोग तांबे, पीतल की पूजा सामग्री के अलावा स्टील के बर्तनों की डिमांड करते हैं।
कपड़ा कारोबार भी चमका
नया बाजार में कपड़ा व्यापारी अश्विनी आनंद का कहना है कि दीपावली के लिए लोगों ने कपड़ों की खरीदारी शुरू कर दी है। सोमवार से बाजार और चढ़ने की उम्मीद है। सदर बाजार में कारोबारी दया किशन राठौर ने बताया कि बिजली की माला बिजली की माला 40 रुपये से शुरू हैं। लेजर वाली और रिमोट से चलने वाली मालाएं लोगों को भा रही हैं। पानी से जलने वाले दीये, मंदिरों में सजाने के लिए झालर युक्त माला भी पहली पसंद बने हुए हैं।