Uttaranchal News, 5 नवंबर 2022: हल्द्वानी: पहाड़ की लाइफ लाइन कहे जाने वाली गढ़वाल और कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स (Kumaon Motors Owners) यूनियन यानी केएमयू व जेएमयू (KMOU and GMOU bus) के लिए राहत भरी खबर है. उत्तराखंड सरकार (Government of Uttarakhand) ने इन बसों के टैक्स में कटौती की है. ऐसे में टैक्स कटौती के साथ-साथ पहाड़ों पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए किराए में कमी आएगी. पहाड़ों पर सुगम यात्रा के लिए केएमयू व जेएमयू की बस लोगों की पहली प्राथमिकता होती है.
उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट विभाग (Uttarakhand Transport Department) द्वारा बसों से प्रति सीट के हिसाब से टैक्स लिया जाता है. परिवहन विभाग के अनुसार मैदानी जिलों में चलने वाली बसों का ₹100 प्रति सीट के हिसाब से टैक्स देना होता है. जबकि जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में चलने वाली बसों का टैक्स ₹50 प्रति सीट देना पड़ता है. ऐसे में सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में चलने वाली केएमयू व जेएमयू के बसों को राहत देते हुए अब ₹25 प्रति सीट के दर से टैक्स वसूल करेगी. ऐसे में बताया जा रहा है कि पर्वतीय क्षेत्र में चलने वाली बसों का टैक्स कम हो जाने से जहां कुमाऊं गढ़वाल मोटर ऑनर्स (Kumaon Garhwal Motor Owners) से जुड़े करीब 500 बस मालिकों को टैक्स में राहत मिलेगी तो वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में बसों से यात्रा करने वाले यात्रियों को किराए में भी राहत मिलेगी.
क्या कह रहे अधिकारी: संभागीय परिवहन अधिकारी (Divisional Transport Officer) हल्द्वानी संदीप सैनी ने बताया कि शासन के निर्देश के बाद अब पर्वतीय जनपदों में चलने वाली केएमयू व जेएमयू की बसों से एक चौथाई टैक्स वसूला जाएगा. इसके लिए विभाग के सॉफ्टवेयर में टैक्स को अपडेट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि टैक्स कम होने से जहां बस मालिकों को राहत मिलेगी तो वहीं यात्रियों को किराए में राहत मिलेगी. गौरतलब है कि पूर्व में पर्वतीय और मैदानी क्षेत्र में चलने वाली बसों से ₹100 प्रति सीट के हिसाब से टैक्स परिवहन विभाग वसूलता था. जिसके बाद 2021 में उत्तराखंड सरकार ने परिवर्तन करते हुए पर्वतीय क्षेत्रों के केएमयू व जेएमयू का टैक्स प्रति सीट ₹50 कर दिया था. ऐसे में सरकार ने फिर से केएमयू व जेएमयू के बसों को राहत देते हुए अब प्रति सीट ₹25 टैक्स निर्धारित किया है.