Uttarakhand News 25 December 2023: भाई का आरोप है कि रिश्तेदार जौनपुर जिले के एसपी से फोन कराया तब भी जांच के नाम पर औपचारिकता करते रहे। जिस स्थान पर शव मिला है बिल्हौर थाने से उसकी दूरी 12 किलोमीटर और बांगरमऊ कोतवाली से 20 किलोमीटर है। समय रहते बिल्हौर थाना पुलिस ने कार्रवाई शुरू की होती, तो आशुतोष आज जिंदा होता।

उन्नाव जिले के बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र में हादसे में घायल बच्ची के इलाज को लेकर विवाद के बाद शिक्षक के सिर में रॉड से हमला कर हत्या कर दी गई। हत्यारों ने हाथ-पैर बांधकर शव गंगा की रेती में फेंक दिया। आठ दिन बाद शव मिलने की सूचना पर परिजन मौके पर पहुंचे।

हालांकि, मौके पर मृतक का सिर और पैर के ही अवशेष मिले, शेष अंग जानवर खा गए थे। कानपुर देहात के थाना रसूलाबाद के गांव तिश्ती निवासी आशुतोष रैना (30) पुत्र रामनारायण निजी स्कूल में शिक्षक था। मृतक के बड़े भाई अभिलाष ने बताया कि आशुतोष 16 दिसंबर को बिल्हौर निवासी मौसा रामनारायण के घर जाने के लिए निकला था।

बिल्हौर-रसूलाबाद मार्ग पर बिल्हौर कोतवाली क्षेत्र के खजुरी चौराहे के पास कंजड़न डेरा निवासी मोटू की बेटी प्रियांशी (6) को बाइक से टक्कर लग जाने से वह मामूली घायल हो गई थी। इस पर बच्ची के घर वालों ने आशुतोष की बाइक छीन ली थी और इलाज का दबाव बनाने लगे थे। आशुतोष पैदल मौसा के घर पहुंचा था।

बच्ची के परिजनों ने घेर लिया और रुपये देने का दबाव बनाने लगे
उसने फोन पर घटना की जानकारी दी और बच्ची को इलाज के लिए बिल्हौर के सिटी हॉस्पिटल लेकर जाने की बात कही। इस दौरान अभिलाष भी परिजनों के साथ अस्पताल पहुंचा, यहां सीटी स्कैन कराने के लिए बच्ची को लेकर कानपुर जाने की जानकारी हुई। यहां पहुंचने पर बच्ची के परिजनों ने घेर लिया और रुपये देने का दबाव बनाने लगे।

रसूलाबाद थाने में तहरीर दी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई
उन्हें 14,500 रुपये दिए। इसके बाद बाइक तो लौटा दी, लेकिन भाई नहीं मिला। रसूलाबाद थाने में तहरीर दी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। 23 दिसंबर की रात बांगरमऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव मल्लहन पुरवा के सामने गंगा नदी की धारा के बीच रेत पर क्षत-विक्षत शव पड़ा होने की जानकारी मिली।

पुलिस टालमटोल न करती, तो शायद भाई जिंदा होता
पोस्टमार्टम में सिर पर वजनदार औजार से वार से मौत की पुष्टि हुई है। बड़े भाई ने बताया बिल्हौर कोतवाली पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। आरोप लगाया कि घटना के बाद बिल्लौर थाना पुलिस टालमटोल न करती और गंभीरता से जांच करती, तो शायद भाई जिंदा होता।

बाइक की टक्कर लगने से घायल हुई थी बच्ची
भाई अभिलाष ने बताया कि मामा के यहां बिल्हौर जाते समय रास्ते में ग्राम खजुरी के पास कंजड़ बस्ती में बाइक की टक्कर लगने से घायल हुई बच्ची के इलाज के रुपये देने के बाद भी जब भाई नहीं मिला, तो बच्ची के पिता मोटू से जानकारी की तो वह बार-बार यही कहते रहे कि आ जाएगा।

अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चेक की
बिल्हौर थाने में प्रार्थनापत्र दिया, तो थाना पुलिस, घटना रसूलाबाद थाना की बताकर टाल मटोल करती रही। इसके बाद खुद ही भाई की तलाश में जुट गए। अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चेक की, तो घटना वाले दिन 16 दिसंबर को रात 9:47 बजे, घायल बच्ची का पिता मोटू, उसका भतीजा विकास व एक अन्य युवक फुटेज में भाई के साथ दिखा।

आशुतोष को अस्पताल से बाहर लेकर जाते दिखे
इसके बाद 12:10 बजे विकास और मोटू भाई आशुतोष को पैदल अस्पताल से बाहर अपने साथ लेकर जाते दिखे हैं। रात में फिर अस्पताल लौटे और रात 12:25 बजे मोटू का भतीजा विकास, आशुतोष को बाइक में बैठाकर निकला। रास्ते में एक ढाबे के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में भी दोनों साथ दिखे हैं।

रसूलाबाद थाना में रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कहती रही पुलिस
पुलिस को सारी बातें बताईं, लेकिन फिर भी जांच करने के बजाए उल्टा उसे ही मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की धमकी देती रही। बार-बार घटना बिल्हौर थाना के बाजे रसूलाबाद थाना की होने और वहीं जाकर रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कहती रही। आभिलाष का आरोप है कि अगर बिल्हौल थाना पुलिस ने तत्काल जांच करती, तो शायद आज उसका भाई जिंदा होता।

जांच के नाम पर औपचारिकता करती रही पुलिस
भाई का आरोप है कि रिश्तेदार जौनपुर जिले के एसपी से फोन कराया तब भी जांच के नाम पर औपचारिकता करते रहे। जिस स्थान पर शव मिला है बिल्हौर थाने से उसकी दूरी 12 किलोमीटर और बांगरमऊ कोतवाली से 20 किलोमीटर है। समय रहते बिल्हौर थाना पुलिस ने कार्रवाई शुरू की होती, तो आशुतोष आज जिंदा होता।

चल रही थी शादी की बात
बड़े भाई अभिलाष ने बताया कि मृतक आशुतोष अविवाहित था। वह तीन भाईयों में दूसरे नंबर का था। दो बहनें सुषमा और सीमा हैं। भाई के मुताबिक उसके रिश्ते आ रहे थे। शादी की बातचीत चल रही थी। लेकिन अभी विवाह तय नहीं हुआ था।