उत्तराखंड/हिंदी दिवस 2022: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने हिंदी दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामना दीं।

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि दुनिया में सर्वाधिक बोली जाने वाली हिंदी समर्थ और सक्षम भाषा है। हिंदी को सशक्त बनाने में अलग-अलग क्षेत्रों के व्यक्तियों ने भूमिका निभाई। इसी का परिणाम है कि वैश्विक मंच पर हिंदी लगातार मजबूत पहचान बना रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्तमान में वैश्विक स्तर पर हिंदी की स्वीकार्यता बढ़ी है। हिंदी मात्र भाषा नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता व संस्कृति की भी पहचान है। यह देश की एकता व अखंडता का भी आधार है। राजभाषा हिंदी की प्रतिष्ठा, गौरव व सम्मान के लिए सभी को सहयोगी बनना होगा।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि हिंदी ही वह भाषा है, जिसने देश की आजादी की लौ को कभी कम नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया की विभिन्न भाषाओं को सीखें, लेकिन हिंदी के प्रति लगाव कभी कम नहीं होने दें। मातृ भाषा हमें हमारी माटी से जोड़े रखती है।

हर साल यह दिन ‘हिंदी दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है महत्‍व

हर साल देशभर में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। दुनिया भर में करीब 54 करोड़ लोग हिन्दी भाषा बोलते और पढ़ते हैं। साल 1949 में 14 सितंबर के दिन ही हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला था, जिसके बाद से अब तक हर साल यह दिन ‘हिंदी दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन को महत्‍व के साथ याद करना इसलिए जरूरी है, क्‍योंकि अंग्रेजों से आज़ाद होने के बाद यह देशवासियों की स्‍वाधीनता की एक निशानी भी है।

साल 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो देश के सामने राजभाषा को लेकर एक सवाल खड़ा हो गया है. क्योंकि भारत विविधताओं का देश है, यहां सैकड़ों भाषा और बोलियां बोली जाती है. राष्ट्रभाषा के रूप में किस भाषा को चुना जाए ये बड़ा प्रश्‍न था। काफी विचार के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया।

14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया। पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। इसके बाद इस ऐतिहासिक दिन को याद रखने के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। इस दिन हिंदी भाषा की महत्‍वता और उसकी नितांत आवश्‍यकता को याद दिलाया जाता है।

भारत के अलावा भी कई देश हैं जहां हिन्दी बोली और समझी जाती है। हिन्दी की खास बात यह है कि इसमें जिस शब्द को जिस तरह से उच्चारित किया जाता है, उसी तरह लिखा भी जाता है। हिन्दी शब्दों ‘अच्छा’, ‘बड़ा दिन’, ‘बच्चा’, ‘सूर्य नमस्कार’ और यहा तक कि संविधान और आत्मनिर्भर जैसे शब्दों को भी ऑक्सफर्ड डिक्शनरी में शामिल किया गया है।

राजभाषा हिन्दी दुनिया में दूसरी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है। भारत में हिन्दी भाषा बोलने वालों की आबादी 46 करोड़ से ज़्यादा है। हिन्दी दिवस 14 सितंबर को लेकिन 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता है।