Uttarakhand News 23 Jan 2024: प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। रामलला की पूजा करने और दर्शन करने के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्त सुबह तीन बजे से ही बड़ी संख्या में जुटने शुरू हो गए थे। रामलला आज से आम श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। सभी भक्तों के लिए नव्य राम मंदिर के द्वार खुल गए हैं।

सोमवार को अयोध्या में संपन्न हुए रामलला के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के बाद मंगलवार को पूजा-अर्चना के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह श्री राम लला की पूजा-अर्चना करने और उनके दर्शन करने के लिए भक्त सुबह 3 बजे से ही बड़ी संख्या में जमा हो गए।

मुंबई से अपने परिवार के साथ दर्शन के लिए पहुंची एक महिला श्रद्धालु ने कहा कि हम यहां तीन दिन से रूके हुए हैं, दर्शन करके ही जाएंगे। एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “ये भीड़ सदा रहेगी और रहनी भी चाहिए। भारत धर्म की भूमि है।

सोमवार को अयोध्या में श्री राम लला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की गई, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनिंदा पुजारियों की देखरेख में मुख्य अनुष्ठान किए। भगवान राम की सिंहासन पर वापसी के उपलक्ष्य में पूरे देश में जश्न भी मनाया गया।

सुबह छह बजे से रामलला के दर्शन
नए मंदिर में सुबह 3:30 से 4:00 बजे पुजारी मंत्र से रामलला को जगाएंगे, फिर मंगला आरती होगी। 5:30 बजे शृंगार आरती व 6 बजे से दर्शन शुरू होंगे। दोपहर में मध्याह्न भोग आरती होगी। फिर उत्थापन, संध्या आरती व भगवान को सुलाते वक्त शयन आरती होगी। पहला मौका होगा जब रामलला की भोग-सेवा सभी मानक पद्धतियों से होगी। 40 दिन तक रोज रामलला का शेष अभिषेक होगा। 60 दिन तक कलाकार स्वरांजलि देंगे।

दोपहर में हर घंटे लगेगा भोग
दोपहर में रामलला को पूड़ी-सब्जी, रबड़ी-खीर के भोग के अलावा हर घंटे दूध, फल व पेड़े का भी भोग लगेगा। रामलला सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, बृहस्पतिवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीला व रविवार को गुलाबी रंग वस्त्र पहनेंगे। विशेष दिनों में वे पीले वस्त्र धारण करेंगे।

बदली व्यवस्था
अब रामलला की 24 घंटे के आठों पहर में अष्टयाम सेवा होगी। इसके अलावा रामलला की छह बार आरती होगी। आरती में शामिल होने के लिए पास जारी होंगे। अब तक रामलला विराजमान की दो आरती होती थीं।

रामलला के पुजारियों के प्रशिक्षक आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा, अब रामलला की मंगला, शृंगार, भोग, उत्थापन, संध्या व शयन आरती होंगी। संभव है उत्थापन आरती पुजारी खुद कर लें और फिर दर्शन के लिए पर्दा खोलें। इसे लेकर ट्रस्ट ही घोषणा करेगा।