Uttarakhand News, 11 January 2023:नई दिल्लीः प्रत्येक शिक्षा बोर्ड के शीर्ष 20 पर्सेंटाइल छात्र अब जेईई-एडवांस्ड परीक्षा (Remove 75 percent Marks Compulsory in 12th Board For 20 Percentile Student) देने के पात्र होंगे. भले ही उन्होंने 12वीं कक्षा में 75 प्रतिशत अंक हासिल नहीं किए हों या नहीं. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों की ओर यह जानकारी दी. इससे देश के 23 भरतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और 31 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में दाखिला में कई छात्रों को राहत मिलेगी. सामान्य, ओबीसी, एससी, एसटी और दिव्यांगों के लिए अलग-अलग पर्सेंटाइल निकाला जाता है. इसकी गणना संबंधित श्रेणी के टॉपरों के अंकों के आधार पर किया जाता है.
यह निर्णय Indian Institute of Technology (आईआईटी) और National Institute of Technology (एनआईटी) में दाखिला पाने के इच्छुक छात्रों के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई)-एडवांस्ड (JEE Advanced Exam) को लेकर पात्रता मानदंड में ढील देने की लगातार मांगों के बाद आया है. जेईई-एडवांस्ड में बैठने के लिए संबंधित शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 12वीं कक्षा की परीक्षा में कुल मिलाकर कम से कम 75 प्रतिशत अंकों की आवश्यकता होती है.
शिक्षा मंत्रालय एक सूत्र ने बताया, ’20 पर्सेंटाइल मानदंड से उन उम्मीदवारों को मदद मिलेगी, जिन्होंने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में कुल 75 प्रतिशत से कम अंक हासिल किए होंगे. विभिन्न राज्यों के बोर्ड में टॉप 20 पर्सेंटाइल उम्मीदवारों में से कई 75 प्रतिशत अंक या 350 से कम अंक लाते हैं. मंत्रालय ने फैसला किया है कि अगर कोई छात्र शीर्ष 20 पर्सेंटाइल में शामिल है, तो वह जेईई एडवांस्ड के पात्र हैं’ जेईई-मेन के पहले राउंड के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 12 जनवरी को समाप्त होगा. परीक्षा 24 से 31 जनवरी के बीच आयोजित की जाएगी.
कैसे होता है परसेंटाइल की गणनाः किसी भी 12वीं बोर्ड में परसेंटाइल की गणना के लिए एक मानक निर्धारित है. इसके लिए बोर्ड के टॉपर छात्रों के 5 विषयों के अंकों के आधार पर गणना किया जाता है, जिसमें Maths, Physics, Chemistry, एक लैंग्वेज का पेपर और 5वें विषय में प्राप्त अंकों को जोड़कर निकाला जाता है. अगर किसी बोर्ड में पांच से ज्यादा पेपर हैं और छात्र ने उस पेपर की परीक्षा में शामिल हुआ है तो जिसमें छात्र को सबसे अधिक अंक होगा, उसके अंकों के आधार पर परसेंटाइल निकाला जायेगा. यदि किसी पेपर में दिए गए अंक 100 नहीं हैं, तो संबंधित विषय के कुल अंकों को (100 से ऊपर या नीचे) बढ़ाया जाएगा, लेकिन गणना 500 अंक के मानक के आधार पर किया जायेगा.