जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) एक बार फिर बवाल का केंद्र बन गया है. इस बार गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की बैन विवादित डॉक्यूमेंट्री ‘India: The Modi Question’ को कैंपस में दिखाने में तनाव पैदा हो गया है. हालात ऐसे बन गए कि डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर पथराव किया गया, इंटरनेट बंद करने के साथ ही बिजली भी काट दी गई. हालांकि बाद में कैंपस में बिजली बहाल कर दी गई. ये बवाल इसलिए हो रहा है कि क्योंकि कुछ दिन पहले ही जेएनयू प्रशासन ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ना दिखाने का फैसला किया था, लेकिन JNUSU ने ऐलान कर दिया कि वो अपनी तरफ से छात्रों के लिए डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करेगा.

अभी तक इस बवाल पर जेएनयू प्रशासन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. स्टूडेंट यूनियन भी कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन कैंपस में छात्रों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया. बिजली काटने की वजह से सभी छात्रों ने बाहर ही विरोध प्रदर्शन किया. वैसे इस पथराव से पहले JNUSU की तरफ से जेएनयू प्रशासन को एक चिट्ठी भी लिखी गई थी. उस चिट्ठी में पूछा गया था कि कौन से कानून के तहत उन्हें डॉक्यूमेंट्री देखने से रोका जा रहा है. लेकिन मंगलवार को जब छात्रों ने मोबाइल पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री देखी तो उन पर पथराव किया गया. उस पथराव के बाद छात्रों ने जेएनयू कैंपस एक बार फिर बवाल किया.

गुस्साए छात्रों ने निकाला मार्च, पुलिस के खिलाफ की नारेबाजी

JNU में पत्थरबाजी से गुस्साए छात्रों ने यूनिवर्सिटी कैंपस से वसंतकुंज थाने तक पैदल मार्च निकाला. पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छात्रों ने आरोप लगाया कि डॉक्यूमेंट्री देखते समय उनके ऊपर पत्थरबाजी की गई. वहीं इस मामले पर दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि हमें अभी जेएनयू के मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है. जैसे ही हमें शिकायत मिलेगी, हम उस पर कार्रवाई करेंगे.

इस पत्थरबाजी पर ABVP और NSUI ने क्या कहा?

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की ओर से प्रेस रिलीज जारी करते हुए बीबीसी की एक तरफा विवादित डॉक्यूमेंट्री को औपनिवेशिक मानसिकता के पिछलग्गू और हीनताबोध का प्रतीक बताया गया है. और वही नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) की ओर से कहा गया है कि वो देशभर के अन्य शिक्षण संस्थानों में इस डॉक्यूमेंट्री को छात्रों को दिखाएगा.