Uttarakhand News, उत्तराखंड, रुद्रप्रयाग 20 अक्टूबर 2022: Kedarnath Dham Ropeway: 21 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ और बदरीनाथ धाम आ रहे हैं। इस दौरान वे राज्य के दो महत्वाकांक्षी रोपवे प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे। इनमें से एक केदारनाथ केबिल कार का शिलान्यास शामिल है। केदारनाथ रोपवे बनने के बाद राज्य में हेली सेवाएं सीमित हो जाएंगी। हिमालय की सर्वाधिक खतरनाक घाटियों में से एक केदारनाथ के लिए हेली टैक्सी यात्रा बेहद जोखिम भरी मानी जा रही है। आधिकारिक सूत्रों का मानना है कि रोपवे या केबिल कार का विकल्प खुल जाने के बाद केदारनाथ की हेली सेवा सीमित हो जाएगी।
केदारनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों को ले जा रहे एक हेलीकॉप्टर के क्रैश होने के बाद राज्य की हेली सेवा सुरक्षा के लिहाज से सवालों के घेरे में है। यह चर्चा का विषय है कि केदारनाथ के लिए अंधाधुंध हेली टैक्सियों का संचालन यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से कितनी उचित है? पहली नजर में सरकार के नीति नियंताओं के हिसाब से रोपवे या केबिल कार हेली टैक्सी की तुलना बहुत अधिक सुरक्षित और किफायती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मानना है कि हिमालयी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में हेली सेवाओं का संचालन हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहा है। उनके मुताबिक, सरकार इन चुनौतियों को सामने रखकर इस तरह से काम करेगी, जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
केदारनाथ की सुरक्षित यात्रा के दो ही विकल्प
जानकारों का कहना है कि केदारनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए दो ही विकल्प हैं। पहला पैदल यात्रा का है, लेकिन यह बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगों के लिए दुष्कर है। दूसरा विकल्प रोपवे या केबिल कार का है, जो बच्चों, वृद्धों, जवानों व दिव्यांगों सभी की यात्रा को सुगम बनाने वाला है।
रोपवे के जल्द बनकर तैयार हो जाने की चाहत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ रोपवे का शिलान्यास करने के बाद राज्य सरकार की यह कोशिश होगी कि रोपवे या केबिल कार का प्रोजेक्ट कम से कम एक से दो साल के भीतर बनकर तैयार हो जाए।