Uttarakhand News 15 June 2024: तीन बच्चों को छोड़ चुकी मां ने चौथे बच्चे के हक के लिए महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया। परिवार को छोड़कर लिव इन में 11 साल रहने केे बाद महिला और पुरुष फिर अलग हो गए।
तीन बच्चों की मां और दो बच्चों के पिता लिव इन रिलेशन में आ गए। लिव इन रिलेशन में 11 साल रहने के बाद एक बार फिर एक दूसरे से अलग हो गए। तीन बच्चों को छोड़कर आई महिला ने अब लिव इन में पैदा हुए अपने 10 साल के बच्चे के लिए आवाज उठाई है।
देहरादून निवासी दो परिवारों की कहानी कुछ इस तरह है। एक परिवार में पति-पत्नी और दो बच्चे थे। वहीं दूसरे परिवार में पति-पत्नी के तीन बच्चे थे। दोनों परिवारों के महिला और पुरुष एक दूसरे के करीब आ गए और फिर क्या था… अपने पुराने रिश्ते में तलाक दे दिया।
पुरुष ने अपने दो बच्चों को छोड़कर पत्नी से तलाक ले लिया और महिला ने अपने तीन बच्चों को छोड़कर अपने पति से तलाक ले लिया। इसके बाद यह महिला और पुरुष एक दूसरे के साथ लिव इन रिलेशन में रहने लगे। लिव इन रिलेशन में रहते 11 साल हो गए। अब इनके पास एक 10 साल का बच्चा भी है और एक बार फिर इनके रिश्ते में दरार आ गई। इसके बाद महिला ने महिला आयोग में शिकायत कर अपने बच्चे का हक मांगा है।
पहले के बच्चे भी आने लगे थे साथ
11 साल में लिव इन रिलेशन में रहने के बाद महिला और पुरुष में अनबन होने लगी। इसकी बड़ी वजह थी कि कभी-कभी महिला अपने पहले पति के बच्चों को बुला लिया करती थी। लिव इन में रहने वाले पुरुष का कहना था कि हम इतना खर्च नहीं उठा सकते। हमारा 10 साल का बच्चा ही हमारे लिए वही काफी है। इस मामले में महिला आयोग की ओर से महिला को एक मुश्त कुछ रुपये भुगतान करने के लिए पुरुष से कहा गया है।
लिव इन रिलेशन का यह प्रावधान
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून में यह प्रावधान बनाया गया है कि यदि कोई महिला और पुरुष लिव इन रिलेशन में रहते हैं तो इस रिलेशन के बारे में रजिस्ट्रार को सूचना देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा अगर लिव इन रिलेशन समाप्त हो रहा है तो भी यह रजिस्ट्रार के समक्ष रखना होगा। वहीं, लिव इन रिलेशन में रहने के दौरान अगर बच्चे का जन्म होता है तो यह बच्चा भी वैध होगा। हालांकि अभी यह कानून राज्य में लागू नहीं हुआ है। महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने बताया कि इस मामले में अभी सुनवाई चल रही है।