Uttarakhand News 16 July: Lucknow: पूर्व वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने सपा छोड़ दी है। सपा की सदस्यता के साथ उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। वह घोसी (मऊ) से सपा के टिकट पर एमएलए चुने गए थे। भाजपा में शामिल होने के मुद्दे पर बातचीत फाइनल होने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा अभी तक भाजपा या दारा सिंह चौहान की ओर से नहीं की गई है। लेकिन इस बीच एएनआई ने दारा सिंह और गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात की एक तस्वीर जारी की है।

दारा सिंह चौहान ने रविवार को अपना इस्तीफा ई-मेल के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को भेजा। उन्होंने फोन से भी महाना से बात की। शनिवार व रविवार को अवकाश की वजह से माना जा रहा है कि उनका इस्तीफा सोमवार को स्वीकार कर लिया जाएगा। दारा सिंह चौहान योगी-1 सरकार में वन मंत्री थे और पिछले साल विधानसभा चुनाव के ठीक पहले वह सपा में शामिल हुए थे। तब उनके शामिल होने को सपा ने बड़ी सफलता के रूप में प्रचारित किया था। पिछड़ा वर्ग समाज (नोनिया जाति) से आने वाले दारा सिंह चौहान मऊ और आजमगढ़ में अपने सजातीय समाज में खासा दखल रखते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले उनका पार्टी छोड़ना सपा के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है।

इस पर अलग अलग प्रतिक्रियां आयी

इस्तीफा देने और दूसरी पार्टी ज्वाइन करने के सवाल पर दारा सिंह ने कहा कि मैं अभी दिल्ली में हूं। अपने इस्तीफे के कारणों और अगले कदम के बारे में शीघ्र ही लखनऊ आकर जानकारी दूंगा।

उधर सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि दारा सिंह चौहान ने पार्टी के लिए कोई त्यागपत्र नहीं भेजा है और विधानसभा से इस्तीफा भेजने के बाद इसका कोई औचित्य भी नहीं रह गया है। दारा सिंह चौहान ने विश्वासघात किया है। भाजपा के पास लोकसभा प्रत्याशी बनाने लायक कोई नेता नहीं है, इसलिए दारा सिंह को अपने साथ ले रही है। दारा सिंह चौहान और भाजपा के लिए राजनीति के नैतिक मूल्यों के कोई मायने नहीं हैं। सपा ने उन्हें विधायक बनाकर पूरा सम्मान दिया। सरकार होने की स्थिति में ही इससे ज्यादा कुछ दिया जा सकता था।