Monkeypox Virus: मंकीपॉक्स एक वायरस यानि जानवरों से इंसानों में फैलने वाला संक्रमण है. मंकीपॉक्स वायरस, स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है. मंकीपॉक्स वायरस का पहला केस भारत में मिला है. केरल के कोल्लम जिले से मंकीपॉक्स (Monkeypox Virus) का मामला सामने आया है. मरीज हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से लौटकर आया था. मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर संदिग्ध को तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. टेस्ट में उसके मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई. फिलहाल उसका इलाज चल रहा है. इस वायरस के संक्रमण का इलाज उपलब्ध है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक मंकीपॉक्सवायरस से संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर का अनुपात लगभग 3-6% रहा है.
जानकारी के मुताबिक अब तक 73 देशों की हजारों की संख्या में मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण की पुष्ठि 1958 में पहली बार एक बंदर में पाया गया था
मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण का कितना खतरा
जानकारी के मुताबिक मंकीपॉक्स एक दुर्लभ वायरस है, जिसका संक्रमण कुछ मामलों में गंभीर हो सकता है. इस वायरस के दो स्ट्रेन्स हैं- पहला कांगो स्ट्रेन और दूसरा पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन.
मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण के लक्षण-
- बुखार
- सिर दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- कमर दर्द
- कंपकंपी छूटना
- थकान और सूजी हुई लिम्फ नोड्स
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स इंसानों में
मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित किसी जानवर के संपर्क में आने से यह इंसानों में फैलता है. यह वायरस मरीज के घाव से निकलकर आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है. जिसमें बंदर, कुत्ते और गिलहरी जैसे जानवरों शामिल हैं. संक्रमित व्यक्ति से भी दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैल सकता है.
मंकीपॉक्स से बचाव
अगर आपको प्लू और शरीर में किसी भी तरह के दाने नजर आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
मंकीपॉक्स के संक्रमित मरीज के संपर्क में न आएं.
एक्सपर्ट अनुसार मंकीपॉक्स मरीजों को 21 दिन के लिए आइसोलेट करने की सलाह दी जाती है.