उत्तराखंड/नैनीताल: नैनीताल रिसर्च विंग एक रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिससे यह साबित हो रहा है कि उत्तराखंड का नैनीताल जिला किंग कोबरा का गढ़ बन रहा है।
कुमाऊं का नैनीताल जिला सबसे जहरीले सांपों में से एक कोबरा का गढ़ माना जा रहा है। ऐसा वन विभाग की रिसर्च में सामने आया है।
अब नैनीताल रिसर्च विंग अब किंग कोबरा पर एक रिसर्च करने जा रही है कि आखिर कैसे इतने ठंडे क्षेत्र को किंग कोबरा ने अपना जोन बना लिया है। कोबरा को सबसे जहरीले सांपों में से एक माना जाता है। उत्तर भारत में नैनीताल जिले को किंग कोबरा का वास माना जा सकता है। समुद्र तल से 2400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मुक्तेश्वर से लेकर मैदान में कार्बेट नेशनल पार्क तक में इनके सैकड़ों घोंसले मिल रहे हैं। अब वन विभाग की नैनीताल रिसर्च विंग एक रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिससे यह साबित हो रहा है कि उत्तराखंड का नैनीताल जिला किंग कोबरा का गढ़ बन रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक नैनीताल के मनौरा, भवाली और मुक्तेश्वर रेंज में सबसे अधिक कोबरा देखे जा रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि आमतौर पर कोबरा गर्म इलाकों में ही रहना पसंद करते हैं और ठंडी जगहों से दूर रहते हैं। अध्ययन में पाया गया है कि इस प्रजाति को सिक्किम में 1,840 मीटर, मिजोरम में 1,170 मीटर ऊंचाई पर देखा गया है। लेकिन नैनीताल के मुक्तेश्वर के 2400 मीटर ऊंचाई में किंग कोबरा भारी संख्या में रह रहे हैं जो कि आश्चर्यजनक है।
उत्तराखंड के नैनीताल, पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार और उत्तरकाशी में कोबरा पाए जाते हैं. लेकिन नैनीताल जिले में कोबरा की सबसे अधिक मौजूदगी पाई जा रही है। वहीं वन विभाग के शोधकर्ता हैरान हैं कि आखिर नैनीताल जिले में ही किंग कोबरा की इतनी मौजूदगी कैसे बढ़ रही है, जबकि वह बेहद ठंडा इलाका है और कोबरा ठंड से दूर रहने वाला प्राणी है। उन्होंने बताया कि नैनीताल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में किंग कोबरा के काफी वास स्थल पाये जा रहे हैं। इसके लिए वन विभाग की रिसर्च विंग काम कर रही है। इसके अलावा इन प्रजातियों को कैसे संरक्षित किया जाए, इसके लिए भी विभाग काम कर रहा है। वहीं वन विभाग की रेस्क्यू टीम आबादी वाले क्षेत्र में आने वाले किंग कोबरा को रेस्क्यू करने का भी काम कर रही है। कोबरा छिपकली या गिरगिट जैसे अन्य जीवों को खाता है और आकार के हिसाब से यह दुनिया का सबसे बड़ा विषैला सांप है। इसकी लंबाई 20 फुट तक होती है। इसके एक मिलीग्राम जहर से व्यक्ति की जान जा सकती है।