Uttarakhand News 06 September 2024: हल्द्वानी। जमरानी बांध बनने से ग्राउंड वाटर रिचार्ज होने के साथ आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन का विकास होगा और मत्स्य उत्पादन भी बढ़ेगा। पुनर्वास कार्यों के लिए 215 करोड़ रुपये विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी (एसएलएओ) को हस्तांतरित हो गए हैं। बांध प्रभावितों को नौ सितंबर (सोमवार) से मुआवजा बांटा जाएगा। यह बात कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने बैठक के दौरान कही।
आयुक्त रावत बृहस्पतिवार को कैंप कार्यालय में राजस्व और जमरानी बांध परियोजना के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से हल्द्वानी में सिंचाई एवं पेयजल व्यवस्था और बेहतर होगी। हल्द्वानी शहर को 117 एमएलडी पेयजल उपलब्ध होगा। कहा कि वर्ष 2051 में हल्द्वानी और काठगोदाम की अनुमानित जनसंख्या 10.65 लाख को देखते हुए इसका आकलन किया गया है।
15 सितंबर से शुरू होगा पहले चरण का काम
परियोजना के डीजीएम बीबी पांडेय ने आयुक्त को बताया कि जमरानी बांध परियोजना के पहले चरण का कार्य 15 सितंबर से शुरू होगा। परियोजना के तहत लगभग 3700 करोड़ से वर्ष 2029 तक बांध का निर्माण कार्य पूरा होना है। पुनर्वास स्थल प्राग फार्म में अवस्थापना कार्य के लिए टाउनशिप विकसित कराने का काम भी एक फर्म कर रही है। सर्वे का कार्य पूरा कर मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। बांध निर्माण के लिए पहले संपर्क मार्ग बनाया जा रहा है। बरसात में कार्य सुचारु रूप से हो, इसके लिए गौला नदी से जल निकासी के लिए दो कॉफर डैम और टनल बनाई जाएगी।
छह गांवों की 49.71 हेक्टेयर भूमि होगी जलमग्न
जमरानी बांध परियोजना के डूब क्षेत्र में छह गांवों की 49.71 हेक्टेयर निजी भूमि जलमग्न होगी। इससे 1267 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। पुनर्वास नीति के अनुसार डूब क्षेत्र में प्रथम श्रेणी के 213, द्वितीय श्रेणी के 821 और तृतीय श्रेणी के 233 प्रभावित परिवार वर्गीकृत हैं।