Uttarakhand News, 3 दिसंबर 2022: देहरादून: अंकिता हत्याकांड (Ankita murder case) में आरोपियों का नार्को टेस्ट (Narco test in Ankita murder case) किया जाएगा. नार्को टेस्ट के बाद ही SIT अंकिता हत्याकांड को लेकर अपनी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करेगी. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ वी मुरुगेशन ने बताया फॉरेंसिक लैब से जुड़ी रिपोर्ट सहित इस मामले में सभी पहलुओं को बारीकी से देखा जा रहा है.

अंकिता हत्याकांड को लेकर जहां एक तरफ लगातार प्रदेश में जमकर राजनीति हो रही है. वहीं, इस मामले में नार्को टेस्ट से लेकर सीबीआई जांच की मांग भी पुरजोर तरीके से उठाई जा रही है. घटना के दो माह से अधिक का समय गुजर जाने के बावजूद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल न होने को लेकर भी पुलिस महकमे पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं, इस मामले में अब एसआईटी ने आरोपियों के नार्को टेस्ट कराने का फैसला किया. आरोपियों के नार्को टेस्ट के बाद ही कोर्ट में चार्जशीट सबमिट की जाएगी.

क्या होता है नार्को टेस्ट: नार्को-एनालाइसिस टेस्ट (Narco Analysis Test) को ही नार्को टेस्ट कहा जाता है. आपराधिक मामलों की जांच-पड़ताल में इस परीक्षण की मदद ली जाती है.नार्को टेस्ट एक डिसेप्शन डिटेक्शन टेस्ट (Deception Detection Test) है, जिस कैटेगरी में पॉलीग्राफ और ब्रेन-मैपिंग टेस्ट भी आते हैं. अपराध से जुड़ी सच्चाई और सबूतों को ढूंढने में नार्को परीक्षण काफी मदद कर सकता है.

नार्को टेस्ट करने के लिए विशेषज्ञों की टीम तैनात की जाती है. इस टीम की देखरेख में ही सुरक्षा एजेंसियां जांच करती हैं. नार्को टेस्ट करने वाली टीम में साइकोलॉजिस्ट, एनेस्थिसियोलॉजिस्ट, टेक्नीशियन और मेडिकल स्टाफ शामिल होते हैं. आरोपी का नार्को टेस्ट करने से पहले फिटनेस टेस्ट किया जाता है. इस टेस्ट में पास होने के बाद ही आरोपी को नार्को टेस्ट के लिए ले जाया जाता है. टेस्ट के दौरान व्यक्ति की स्थिति को देखने के लिए तमाम तरह के मॉनिटर आदि का इस्तेमाल किया जाता है.

क्या है मामला: बता दें कि 19 साल की अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये रिसॉर्ट बीजेपी के बड़े नेता विनोद आर्य के छोटे बेटे पुलकित आर्य का था. आरोप है कि पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर दबाव बनाया था कि वो रिसॉर्ट में आने वाले ग्राहकों के साथ गलत काम करे, लेकिन अंकिता भंडारी ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया और नौकरी छोड़ने का फैसला भी ले लिया था. इसी बात को लेकर अंकिता भंडारी और पुलकित आर्य के बीच बहस भी हुई थी.

पुलकित आर्य को डर था कि अंकिता उसका और रिसॉर्ट में होने वाले अनैतिक कामों का पर्दाफाश कर देगी. इसी वजह से 18 सितंबर देर शाम को पुलकित बहस के बाद अंकिता को काम के बहाने रिसॉर्ट से बाहर ले गया और ऋषिकेश के पास चीला नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी.

पुलकित आर्य के इस घिनौने कृत्य में उसके दो मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता ने उसका साथ दिया था. अंकिता की लाश 24 सितंबर को चीला नहर से मिली थी. पुलिस ने तीनों आरोपियों को 23 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद इस पूरे कांड से पर्दा उठा था. अभी तीनों आरोपी पौड़ी जेल में बंद है.